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पूर्णिया होकर पटना व हावड़ा के लिए शीघ्र चले वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन

बहुत जल्द शुरू हो सकता है परिचालन

रेलवे बोर्ड की मंजूरी मिली तो बहुत जल्द शुरू हो सकता है परिचालन

ईस्ट रेलवे बोर्ड ने फिजीबिलिटी रिपोर्ट के आधार पर दिया है आश्वासन

रेलवे बोर्ड को पत्र भेज कर तीन माह पूर्व की गई थी वंदे भारत की मांग

पूर्णिया. आने वाले साल में पूर्णिया होते हुए पटना और हावड़ा के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन की मांग तेज हो गई है. कटिहार-जोगबनी रेलखंड का यह इलाका फिलहाल वंदे भारत की सेवा से वंचित है और यही वजह है कि इस रेलखंड को भी वंदे भारत से जोड़ने की मांग हो रही है. ईस्ट रेलवे बोर्ड ने आंकड़ा और फिजीबिलिटी रिपोर्ट के आधार पर इसके परिचालन का भरोसा दिलाया है. समझा जाता है कि अगर रेलवे बोर्ड की मंजूरी मिल गई तो बहुत जल्द इस ट्रेन का परिचालन शुरू हो सकता है. वैसे, रेलवे बोर्ड के पास पूर्णिया से जुड़ी कई मांगें लंबित हैं जिसे नये साल में पूरा किए जाने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि पूर्णिया शहर में अलग-अलग दो रेलवे स्टेशन हैं. इसमें पूर्णिया जंक्शन और पूर्णिया कोर्ट शामिल है और दोनों पर ही यात्री सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. खासकर, कटिहार-जोगबनी रेलखंड में 14 सालों से ट्रेनों की बढ़ोतरी नहीं हुई है. लोग यह सोचकर हैरान हैं कि देश के सभी भागों में वंदे भारत ट्रेनों का परिचालन हो रहा है, लेकिन कटिहार जोगबनी रेलखंड पर चलने के लिए अब तक एक भी वंदे भारत ट्रेन नहीं मिल पाई. लगातार साल रहे इस सवाल से प्रभावित कसबा के मदार घाट निवासी प्रो. अजय कुमार साहा ने पीएमओ के ग्रीवांस सेल व रेलवे बोर्ड को इस बाबत पत्र लिखा. वे बताते हैं कि वंदे मातरम की घोषणा काफी पहले अखबारों के माध्यम से की गई थी. तीन माह बाद आए पत्र के जवाब में ईस्ट रेलवे बोर्ड ने तकनीकी आधार पर परिचालन के लिए विचार का भरोसा दिया है.

एनजेपी-कटिहार वंदे भारत में जुड़े आठ और कोच

जोगबनी से पूर्णिया होते हुए वंदे भारत के परिचालन के लिए यह सुझाव दिया गया है कि एनजेपी से कटिहार के बीच चलने वाली आठ कोच की वंदे भारत में आठ कोच जोड़कर जोगबनी से कटिहार के बीच चलाया जा सकता है. इससे कटिहार से पटना के बीच 16 कोच की वंदे भारत ट्रेन बनकर पटना तक चलाई जा सकती है. कहा गया है कि इससे एक तरफ जहां पूर्णिया होकर पटना के लिए वंदे भारत की बहुप्रतिक्षित मांग पूरी हो जाएगी वहीं रेलवे को आय की बढ़ोतरी के साथ खर्च भी बचेगा. पीएमओ के ग्रीवांस सेल ने जवाब में कहा है कि अतिरिक्त ट्रेनों के अनुरोधों की जांच की जाती है. वंदे भारत ट्रेन के परिचालन व्यवहार्यता और वाणिज्यिक उपलब्धता के आधार पर उन्हें तर्कसंगत बनाया जाता है. पत्र में इस रेलखंड से होने वाली आय पर चर्चा करते हुए कई अन्य ट्रेनों के परिचालन के लिए भी सुझाव दिए गये हैं.

अनसूनी होती रही है पूर्णिया की मांग

पूर्णिया के रेल विकास की मांगें रेल मंत्रालय में अब तक अनसूनी होती रही है. रेल मंत्रालय ने पूर्णिया की आवाज जरुर सुनी और भरोसा भी दिलाया पर कभी तवज्जो नहीं दिया. यही वजह है कि जोगबनी-कोलकाता एक्सप्रेस को रोज़ाना करने और जोगबनी से पटना राज्यरानी व रात्रिकालीन ट्रेनों के परिचालन की मांग अधर में है. पूर्णिया कोर्ट में वाशिंग पिट एवं एक कोच लंबाई के सिक लाइन निर्माण का कोई पता नहीं. सप्ताह में पांच दिन जोगबनी से तथा कटिहार-अमृतसर आम्रपाली एक्सप्रेस को प्रतिदिन जोगबनी से चलाने का प्रस्ताव करीब एक साल से ठंडे बस्ते में है जबकि यह प्रस्ताव पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे द्वारा भेजा गया था. पूर्णिया से दालकोला के बीच रेल की पटरी बिछाने की मांग दीवारों से टकराकर लौट रही है.

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कहते हैं नागरिक

1. वंदेभारत की सुविधा इस रेलखंड को भी मिलनी चाहिए. जोगबनी से सटा विराटनगर शहर नेपाल का दूसरा बड़ा शहर है. रेलवे को सबसे अधिक आय जोगबनी और पूर्णिया से प्राप्त होती है. गुलाबबाग मंडी के कारण पूर्णिया जिले के 3 रैक प्वाइंट हैं जिससे करोड़ों का राजस्व भी रेलवे को मिलता है.फोटो- 11 पूर्णिया 3- प्रो. अजय कुमार साहा, प्राध्यापक

2. यह बड़ी विडंबना है कि करोड़ों की आय के बावजूद पूर्णिया को रेल विकास के मामले में पीछे रखा गया है. यह पूर्णिया के प्रति दोयम दर्जे के नजरिया का प्रतीक है. वंदे भारत का परिचालन शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए. इससे पूरे पूर्णिया प्रमंडल के नागरिक लाभान्वित होंगे. नये साल में इसकी हम उम्मीद भी करते हैं.फोटो- 11 पूर्णिया 4- ए.के. बोस, रिटायर्ड बैंक आफिसर3. रेल विकास को लेकर कई-कई बार घोषणाएं की गईं. वायदे हुए और बयानबाजी भी हुई पर पूर्णिया की जरूरत के हिसाब से रेल का विकास संभव नहीं हो सका. वक्त का तकाजा है कि अब कम से कम वंदेभारत का परिचालन पूर्णिया होते हुए शुरू हो. केंद्र सरकार से नये साल में इसी तोहफे की आस है.

फोटो- 11 पूर्णिया 5- वीरेन्द्र जैन, व्यवसायी

4. यह बहुत ही सकारात्मक पहल हुई है कि रेलवे ने पत्राचार के बाद तकनीकी पहलुओं पर विचार कर वंदे भारत के परिचालन का भरोसा दिलाया है. पूर्णिया प्रमंडल को इसके साथ लंबी दूरी की कई ट्रेनों की सख्त जरूरत है. मगर, रेल सेवा मामले में पूर्णिया के साथ अब तक नाइंसाफी हो रही है.फोटो- 11 पूर्णिया 6.- संजय डाबर, अधिवक्ता————————–

आकड़ों का आइना

1887 में खोला गया था पूर्णिया जंक्शन रेलवे स्टेशन

2008 में शुरू हुई थी पूर्णिया जंक्शन में बड़ी रेललाइन

30 लाख यात्रियों का आवागमन पूर्णिया जंक्शन से एक साल में होता है

15 जोड़ी ट्रेनों का पूर्णिया जंक्शन से हो रहा परिचालन

450 करोड़ की आय एक वित्तीय वर्ष में रेलवे को सिर्फ माल ढुलाई में हुई

11 करोड़ सालाना अकेले सीमांचल एक्सप्रेस ने पूर्णिया दे रहा रेलवे को

1.44 लाख यात्री सिर्फ पूर्णिया जंक्शन से पकड़ते हैं ट्रेन

40 हजार से अधिक राजस्व पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से मिलता है

15 हजार यात्री पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से करते हैं सफर

03 रैक प्वाइंट हैं रेलवे के पूर्णिया परिक्षेत्र में

फोटो. 11 पूर्णिया 1, 2- पूर्णिया जंक्शन

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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