कौन हैं शंकर सिंह? जिन्होंने रूपौली उपचुनाव में जदयू और राजद के उम्मीदवारों को दी शिकस्त

Rupauli By Election : लोजपा (रामविलास ) से इस्तीफा देकर निर्दलीय मैदान में उतरे शंकर सिंह ने जीत हासिल कर ली है. इस जीत के साथ ही शंकर सिंह के 19 सालों का इंतजार खत्म हो गया है. इससे पहले वो 2005 में विधानसभा का चुनाव जीते थे

By Anand Shekhar | July 13, 2024 3:42 PM

Rupauli By Election : पूर्णिया लोकसभा के रूपौली विधानसभा उपचुनाव 2024 में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया है. शंकर सिंह ने यहां जेडीयू के कालधार मंडल और रूपौली से पांच बार विधायक रहीं बीमा भारती को धूल कहता दी है. चिराग पासवान की पार्टी से इस बार टिकट नहीं मिलने की वजह से वो निर्दलीय मैदान में उतरे और 19 साल बाद विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है.

कौन हैं शंकर सिंह?

बाहुबली छवि के नेता शंकर सिंह स्वर्गीय रामविलास पासवान के समय से ही लोजपा के नेता रहे हैं. उन्होंने 2005 का विधानसभा चुनाव लोजपा के टिकट पर लड़ा और जीता था. लेकिन उस समय सरकार नहीं बन पाई थी और विधानसभा भंग होने कारण दोबारा चुनाव हुए थे. दोबारा हुए चुनाव में शंकर सिंह को बीमा भारती से हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में शंकर सिंह उस दौरान बहुत कम समय के लिए ही विधायक रह पाए. इसके बाद शंकर सिंह ने 2010, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में भी लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा. इन चुनावों में उन्हें जीत तो नहीं मिली लेकिन वे मामूली अंतर से दूसरे स्थान पर रहे.

अलग-अलग थानों में 19 मामले दर्ज

शंकर सिंह और उनकी पत्नी प्रतिमा सिंह की सवर्ण जातियों के बीच अच्छी पैठ मानी जाती है. पिछले चुनाव के शपथ पत्र के मुताबिक शंकर सिंह पर आईपीसी की धाराओं के तहत विभिन्न थानों में 19 मामले दर्ज हैं. बीमा भारती के पति अवधेश मंडल के साथ शंकर सिंह की वर्चस्व की लड़ाई चलती रहती है. शंकर सिंह की पत्नी प्रतिमा सिंह भी रूपौली क्षेत्र से जिला परिषद की सदस्य और पूर्व चेयरमैन हैं. प्रतिमा सिंह भी 2011 से पंचायत और निगम के कई चुनाव जीत चुकी हैं.

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टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया था फैसला

लोजपा जब दो धड़ों में बंट गई तो शंकर सिंह चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) के साथ हो गए थे. इस उपचुनाव में जब रूपौली सीट जेडीयू के खाते में चली गई और वहां से कलाधर मंडल को उम्मीदवार बनाया गया तो शंकर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.

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