भारत बंद से जनजीवन अस्त व्यस्त, सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी संस्थानों पर भी असर पड़ा
पूर्णिया. आरक्षण के सवाल पर बुधवार को आहूत भारत बंद का पूर्णिया में व्यापक असर रहा. बंद के दौरान शहर की दुकानें बंद थी और यातायात पूरी तरह बाधित रहा जिससे पूर्णिया का पूर्वोत्तर भारत से सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया. बंद का असर सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी संस्थानों पर भी पड़ा. कचहरी में भी आम दिनों की अपेक्षा आज चहल-पहल कम नजर आयी. बंद को देखते हुए अधिकांश स्कूल बंद कर दिये गये थे. आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर आहूत भारत बंद का समर्थन राजद, बसपा, भाकपा माले समेत अन्य दलों एवं संगठनों ने किया था. बंद को लेकर कई जगहों पर नोंकझोंक भी हुई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने चौक-चौराहों पर टायर जलाकर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया. आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में एससी-एसटी, ओबीसी, आदिवासी विकास परिषद सहित अन्य आदिवासी संगठनों ने अहले सुबह ही एनएच-31 को जाम कर दिया. इसके बाद शहर के विभिन्न चौक-चौराहों को जाम कर यातायात पूरी तरह बाधित कर दिया. सड़कों पर दो पहिया वाहनों को भी जाने से रोका गया. दोपहर तक सड़कें सुनसान थी. लिहाजा यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लोग सड़क पर पैदल नजर आये. प्रदर्शनकारी जगह-जगह शहर में दुकानें बंद कराते नजर आये. बंद समर्थकों द्वारा शहर के आर एन साव चौक, गिरजा चौक, डीआईजी चौक, जनता चौक, खुश्कीबाग, गुलाबबाग, बायपास मरंगा, पोलटेक्निक चौक, मधुबनी बाजार, भट्ठा बाजार, रजनी चौक, नेवालाल चौक सहित विभिन्न चौक चौराहे पर यातायात पूरी तरह बंद रखा. यहां तक कि मोटरसायकिल वालो को भी चलने से रोका गया.बंद से इमरजेंसी सेवा को अलग रखा गया
हालांकि बंद के दौरान परीक्षार्थी, मेडिकल सेवा और अन्य जरूरी सेवा को बाधित नहीं किया गया. वही बंद के दौरान प्रशासनिक व्यवस्था भी मुस्तैद दिखे. इस दौरान इमरजेंसी सेवा को किसी भी तरह की रुकावट नहीं होने दिया गया. बीमार व्यक्तियों को हॉस्पिटल जाने के लिए बन्द समर्थकों द्वारा कोई व्यवधान नहीं किया गया. इसके अलावा बिहार पुलिस परीक्षा के अभ्यर्थियों को भी एडमिड कार्ड देख कर जाने के लिए दिए जा रहे थे. भारत बंद के मद्देनजर शहर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. बंद के दौरान सदर एसडीओ राकेश रमन और एसडीपीओ पुष्कर कुमार सहित केहाट थानाध्यक्ष, सहायक थानाध्यक्ष, मरंगा थानाध्यक्ष, सदर थानाध्यक्ष सड़कों पर मुस्तैद नजर आये.
बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे पप्पू यादव
भारत बंद के समर्थन में सांसद पप्पू यादव. सड़क पर उतरे और बंद समर्थकों के साथ अर्जुन भवन से लेकर आर एन साव चौक पैदल पहुंचे और प्रदर्शन किया. सांसद ने कहा कि देश की जनता ने आज भारत बंद का समर्थन किया है. निजी क्षेत्र मे न नौकरी है न आरक्षण. साजिश के तहत आरक्षण को खत्म किया जा रहा है. मौके पर आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अजय पासवान ने कहा कि हम दलित, महादलित समाज आरक्षण के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे. अभी हमारा समाज काफी पिछड़ा है. क्रीमीलेयर और दलित कोटा को बांटने की जो साजिश हो रही है. उसका जमकर विरोध करते हैं. इस मौके पर राजद नेता आलोक कुमार, माले नेता इस्लामउद्दीन,आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष अजय कुमार पासवान उर्फ अजय भारती, महासचिव राजेंद्र प्रसाद उरांव, आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र उरांव, जिलाध्यक्ष विजय उरांव, मोर्चा के युवा जिलाध्यक्ष विक्रम पासवान, पूर्व पार्षद पप्पू पासवान, पोलो पासवान, राजद नेता शंकर ब्रह्मचारी, बिट्टू पासवान, रंजीत पासवान, संजू तिर्की, दीपक बाड़ा, अभय कुमार, गुड्डू कुमार, सुमित लकड़ा, संजीव पासवान, बद्री पासवान, चंद्रशेखर पासवान, अनिल कुमार राम, करण यादव आदि सैकड़ों बंद समर्थकों ने प्रदर्शन किया.
भारत बंद पूर्णतः सफल : आलोक कुमार
बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी सह आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के संरक्षक प्रोफ़ेसर आलोक कुमार ने भारत बंद को पूर्णतः सफल बताया. भारत बंद को सफल बनाने के लिए आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के साथ वामसेफ, भारत मुक्ति मोर्चा एवं बहुजन क्रांति मोर्चा के नेता एवं कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर प्रतिरोध मार्च किया. इसमें मुख्य रूप से वामसेफ़ के जिलाध्यक्ष दीप नारायण पासवान, भारत मुक्ति मोर्चा के बब्लू गुप्ता , अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हरिलाल पासवान, माले नेता इस्लाम उद्दीन, अविनाश पासवान, यमुना मुर्मु सहित सैकड़ों लोग बंद को सफल बनाने के लिए प्रातः छह बजे से अपराह्न 2 बजे तक डटे रहे.जाम में फंसे सरकारी स्कूल के शिक्षक
भारत बंद को लेकर पूर्णिया में प्राइवेट स्कूल स्वतः बंद रहे जबकि बंद के कारण सरकारी स्कूल के अधिकांश शिक्षक-शिक्षिकाएं स्कूल नहीं पहुंच सके. इस दौरान जो शिक्षक-शिक्षिकाएं जहां जाम में फंसे वहीं से सेल्फी लेकर स्कूल प्रधान को भेजते हुए दिखे. वहीं लाइन बाजार में भी अधिकांश निजी क्लिनिक बंद थे. शहर की सभी छोटे-बड़े दुकानें पूरी तरह से बंद थी. शहर के सभी मॉल में ताला लटके हुए थे.बंद से बस मालिकों को लाखों का नुकसान
इधर भारत बंद से बस संचालकों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. अन्तर्राजिय बस स्टैंड से करीब तीन सौ बस बंद होने से करीब 12 से 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. बस एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्की सिंह ने बताया कि भारत बंद का पूर्णिया में बसें पूरी तरह से बंद रही. यहां से करीब तीन सौ बसों की आवाजाही होती है. जो पूरी तरह से ठप रही. इससे करीब दस लाख से अधिक का नुकसान बस मालिकों को हुआ है. वहीं सरकारी बसें भी पूरी तरह चक्का जाम रहा. बस स्टैंड से करीब तीस सरकारी बसें चलती है जो बंद रही.
…………………………………फोटो. 21 पूर्णिया 1-बंद के कारण एनएच पर वाहनों की लगी लंबी कतार
2-भारत बंद का समर्थन कर प्रदर्शन करते हुए सांसद पप्पू यादव3-शहर में प्रदर्शन करते हुए आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं अन्य
4-आरएनसाह चौक पर प्रदर्शन करते विभिन्न दलों के नेता5-बंद के कारण वाहन नहीं मिलने से पैदल जाते यात्री
6- टायर जला कर सड़क जाम7-प्रदर्शन करते आदिवासी समाज की महिलाएं एवं युवती
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