पूर्णियावासियों को ट्रिपिंग व लो-वोल्टेज की समस्या से जल्द मिलेगी निजात
पूर्णिया में दो नये पीएसएस व 10 जीएसएस का होगा निर्माण
पूर्णिया में दो नये पीएसएस व 10 जीएसएस का होगा निर्माण
………………………एक नजर
230 मेगावाट बिजली खपत होती है पूर्णिया जिले में5.86 लाख बिजली उपभोक्ता है पूरे जिले में 360 यूनिट बिजली की मांग है प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति ………………………
पूर्णिया. पूर्णिया में ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या जल्द दूर हो जायेगी. इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं. इसके लिए दो नये पावर सब स्टेशन ( पीएसएस) और दस शक्ति उपकेंद्र ( जीएसएस) बनाये जायेंगे. जिले के रूपौली-भवानीपुर और जीरोमाइल-कसबा के बीच करीब 12 एकड़ में दो पीएसएस बनाये जायेंगे. इसके आलावा जहां दस जीएसएस बनाये जायेंगे उनमें केनगर के मजरा, कल्याणपुर, श्रीनगर के खोखा, धमदाहा के कुंआरी, बीकोठी के बरूणेश्वर, पूर्णियापूर्व के अब्दुल्लानगर-रानीपतरा, बैसा में नीरपुर, और कसबा में गुरही शामिल है. इसीतरह जिले के बायसी अनुमंडल में लो-वोल्टेज की समस्या को दूर करने के लिए नयी लाइन पर काम जल्द शुरू हो रहा है. किशनगंज के सिंघिया से बोलान तक 33 केवी के 22 किमी. और दालकोला ग्रिड से बायसी तक 13 किमी नयी लाइन के लिए टेंडर हो चुका है. डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि पूर्णिया में ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की शिकायत बढ़ रही थी. इसको ध्यान में रखकर पूरे जिले का अध्ययन किया गया. इसके बाद ये फैसले लिये गये.इन सब के बन जाने के बाद पूर्णिया में ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या स्वत: दूर हो जायेगी. बिजली कंपनी के अधिकारियों को इस दिशा में लगातार मॉनिटेरिंग करने को कहा गया है. उन्होने बताया कि 19 सालों में बिजली उपभोक्ता के साथ-साथ बिजली की खपत भी काफी बढ़ गयी है. एक अध्ययन के मुताबिक पूर्णिया जिले में 2005 में 59 हजार उपभोक्ता थे जबकि अभी यह संख्या बढ़कर 5 लाख 86 हजार हो गयी है. 2005 में जहां पूरे जिले में मात्र 40 मेगावाट बिजली की खपत हो रही थी वहीं अभी बढ़कर 230 मेगावाट हो गयी है. 19 साल पहले प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 70 यूनिट बिजली की मांग थी, अब यह बढ़कर 360 यूनिट प्रतिवर्ष हो गयी है. 2005 में 7 पावर सब स्टेशन थे, जो बढ़कर 35 हो गयी है. …………………………….स्मार्ट मीटर को ले अगर कोई संशय है तो चेक मीटर लगाकर दूर कर सकते हैं भ्रम
स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिजली उपभोक्ताओं को बनाता है स्मार्ट : जिलाधिकारी
पूर्णिया. स्मार्ट मीटर की तेज रफ्तार को लेकर जिन उपभोक्ताओं को कोई संशय है तो वे चेक मीटर से जांच करा सकते हैं. इस चेक मीटर से नया बिल आने पर पुराने मीटर से आने वाले बिल का मिलान कर समस्या दूर की जाएगी. शिकायत पर बिजली कंपनी द्वारा यह चेक मीटर उपलब्ध कराया जा रहा है. डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि दरअसल, स्मार्ट मीटर को लेकर जो भ्रम फैलाये जा रहे हैं, उसी को देखते हुए सरकार द्वारा यह व्यवस्था की गयी है. इस चेक मीटर के जरिये बहुतेरे उपभोक्ताओं के भ्रम दूर हुए हैं. डीएम ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट बनाता है. इसके एकसाथ कई फायदे हैं. एक तो बिजली की बचत और दूसरा गलत बिजली बिल से छुटकारा. इसमें अपनी जरूरत के अनुसार कहीं से भी मीटर रिचार्ज करने की सुविधा उपलब्ध है. सबसे खास बात यह है कि बैलेंस खत्म होने से पहले रिचार्ज करने पर 2 फीसदी और ऑन लाइन रिचार्ज करने पर एक फीसदी की विशेष छूट दी जाती है. इतना ही नहीं तीन से छह माह तक एकमुश्त रिचार्ज करने पर सात फीसद और दो हजार से अधिक और कम के कम तीन माह की बिजली खपत के बराबर रिचार्ज करने पर 6.75 फीसद ब्याज दर उपभोक्ताओं को दिया जाता है. कोई भी उपभोक्ता एप के माध्यम से साप्ताहिक व मासिक बिजली आपूर्ति की जानकारी ले सकता है. डीएम ने बताया कि अब हर उपभोक्ता को स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. उन्होने उपभोक्ताओं से किसी भ्रम में नहीं पड़ने की अपील करते हुए स्मार्ट प्रीपेड मीटर की सुविधा लेने का अनुरोध किया है. जिलाधिकारी ने आगामी 15 नवंबर तक सभी सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने काव निर्देश दिया है. उन्होने कहा कि कार्यपालक अभियंता विद्युत से समन्वय बनाकर 15 नवंबरतक सभी सरकारी कार्यालय में स्मार्ट प्रीपेड मीटर का अधिष्ठापन कराना सुनिश्चित कर लें. फोटो- 15 पूर्णिया 2- स्मार्ट मीटर के बारें जानकारी देते डीएम कुंदन कुमारडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है