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शारदीय नवरात्र: देवी दुर्गा के बेल निमंत्रण की पूजा आज, कल खुलेंगे मंदिरों के पट

नवरात्र के छठे दिन मां की बेल निमंत्रण पूजा होगी. इसके साथ ही मां दुर्गा का पट खोलने के लिए माता को निमंत्रण दिया जायेगा.

पट खोलनी से पूर्व नवरात्र के छठे दिन देवी दुर्गा को आमंत्रण देंगे पुरोहित,

आज की गयी देवी स्कंदमाता की पूजा, कल होगा कात्यायनी का पूजन अनुष्ठान

पूर्णिया. नवरात्र के छठे दिन मां की बेल निमंत्रण पूजा होगी. इसके साथ ही मां दुर्गा का पट खोलने के लिए माता को निमंत्रण दिया जायेगा. नियमों के अनुसार पुरोहित माता को आमंत्रण देंगे. इसके बाद सप्तमी पर बुधवार को पट खोला जायेगा. वैसे, दुर्गाबाड़ी समेत उन पंडालों में छठे दिन ही पट खुल जाएंगे जो बंगालीबहुल इलाके में हैं.

पंडितों के अनुसार मंगलवार की सुबह से ही सार्वजनिक पूजन स्थलों पर मां की पूजा शुरू हो जायेगी.

इधर, सोमवार को नवरात्र के पांचवें दिन मां के स्कंदरूप की पूजा हुई. सुबह से ही मंदिरों में पूजा के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही. दुर्गा सप्तशती के पाठ के बीच भक्तों ने पूजा-उपासना की. यह सिलसिला दोपहर तक चला. . भक्तों ने माता की पूजा अर्चना कर दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा आदि का पाठ किया. घरों में माता के जयकारे की गूंज होती रही. भक्तों ने माता से सुख समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की. शाम में मंदिरों में दीप जलाने के लिए महिलाओं का तांता लगा रहा. बाद में अलग-अलग मंदिरों व पूजन पंडालों में देवी दुर्गा की महाआरती की गई जिसमें भक्तों ने आस्था के साथ भागीदारी निभायी.

इस बीच शहर के कई सार्वजनिक पूजा पंडालों को कारीगर अंतिम रूप देने में जुटे हैं. भट्ठा दुर्गाबाड़ी समेत कई अन्य पूजन स्थलों पर माता के साज-श्रृंगार का काम लगभग पूरा हो चुका है. दुर्गाबाड़ी में बांग्ला विधि से आज मां की पूजा की जायेगी. महिलाएं इस दिन उपवास सह व्रत रखेंगी और शाम में फलाहार करेंगी. मान्यता के अनुसार यह पूजा महिलाएं ही करती हैं. पंडित संजय झा ने बताया कि षष्ठी तिथि पर मां की बेल निमंत्रण पूजा होगी. पंचमी होने के कारण भक्तों की भीड़ के साथ मंदिरों में चहल-पहल बढ़ गयी थी. नवरात्र करने वाले लोगों ने मंदिरों में आकर मां दुर्गा के दर्शन किये. पंचमी तथि पर कई घरों में दुर्गा पाठ भी शुरू किया गया.

आज हो रही छठे स्वरूप की पूजा

नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जा रही है. मां कात्यायनी शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की छठी अवतार हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि मां कात्यायनी, कात्यायन ऋषि की पुत्री थीं, जिसके कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा. मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी मानी गयी हैं. ऐसी मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा की जाए तो विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. कोई भी भक्त अगर सच्चे मन से मां की आराधना करे तो मां की आज्ञा से व्यक्ति को चक्र जाग्रति की सिद्धियां मिल जाती हैं. सिर्फ यही नहीं, व्यक्ति रोग, शोक, संताप और भय से भी मुक्ति पाता है.

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