15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रजनी चौक में महिषासुर के अलावा यमराज के भी होंगे दर्शन

दुर्गापूजा में यहां उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

दुर्गापूजा में यहां उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

पूर्णिया. रजनी चौक की दुर्गा पूजा का नाम शहर तक ही नहीं बल्कि आस-पास के गांवों और कसबों तक फैला हुआ है. इस पूजा स्थल का इतिहास लगभग पांच दशक पुराना है जहां दुर्गा पूजा में सप्तमी से नवमी पूजा तक श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है. इस पूजन स्थल के बारे में लोग यह भी कहते हैं कि यह शहर और गांव में रहने वालों का मिलन स्थल भी है. दरअसल, यहां हर तबके के लोग पूजा देखने आते हैं और मां का प्रसाद ग्रहण करते हैं.

कैसे शुरु हुई पूजा

यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि पहले पुलिस ठाकुरबाड़ी में मिल-जुल कर पूजा की जाती थी पर 1972 में समाज की सहमति पर यह पूजा रजनी चौक पर शुरु की गयी. इससे पहले 1971 में आपस में विचार किया गया था कि पुलिस ठाकुरबाड़ी में काफी भीड़ हो जाती है और इस ख्याल से एक अलग स्थान पर भी पूजा होनी चाहिए. सन् 72 में पहली बार रजनी चौक और ततमा टोली के कॉर्नर पर पूजा शुरु हुई पर बाद में 1975 के आस-पास पूजा का स्थल ठीक चौक के बगल वाली खाली जमीन पर चला आया. उस समय कृष्णमोहन चौधरी, प्रभाकर कुमार चौधरी, शुभंकर झा, स्व विजय चंद राय, रामबाबू मेहताब आदि ने इसकी पहल की थी. उस समय रोहित यादव जैसे लोगों का भी खूब सहयोग रहा.

पूजन संस्कृति

दुर्गापूजा में बंगाल की संस्कृति अमूमन पूरे पूर्णिया में है और रजनी चौक पूजा स्थल भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी सम्पूर्ण वैदिक रीति व भक्ति भाव से माता का पूजन किया जाता है. इस पूजन स्थल के प्रति लोगों के मन में असीम श्रद्धा भी है. कई स्थानीय लोगों ने बताया कि दर्शन के लिए यहां आने वाले श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ पूजा करते हैं और चढ़ावा भी चढ़ाते हैं. वहीं खिचड़ी भोग का भी वितरण करने की परंपरा है.

जमते हैं कला के रंग

इस बार मुख्य पंडाल के सामने बंगाल के माथाभांगा से आये नर्तक अपने सर पर अनेक घड़ों को उठाये संगीत की धुन पर नृत्य करते दिखेंगे. वहीं बगल में ही यमराज के रूप में कुछ जीवित पुतले द्वारा मृत्यु के उपरांत पाप पुण्य कर्मों के अनुसार दी जानेवाली सजा को दर्शाते हुए लोगों को सत्कर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने का प्रयास किया जायेगा. हर वर्ष की भांति इस बार भी बिजली की अद्भुत कलाकृतियों के नज़ारे दिखायी देंगे.

आकर्षक पंडाल व सजावट

रजनी चौक पूजा स्थल बेहतर साज-सज्जा और आकर्षक पंडाल के लिए काफी दिनों से चर्चित रहा है. यह कोशिश करती है कि यहां की सजावट शहर में सबसे अलग हो. कोई सम सामयिक घटनाक्रम हो या बिजली के आकर्षक रंग बिरंगी रोशनी वाली आकृति या फिर समाज को बेहतर सन्देश देने वाली थीम, यहां सब कुछ नया और अद्भुत होता है. इस बार भी बेहद ख़ास थीम पर आधारित प्रदर्शनियों के माध्यम से लोगों को सन्देश देने के लिए कलाकार और सजावटकर्ता अपनी पूरी टीम के साथ लगे हुए हैं.

फोटो -5 पूर्णिया 4- निर्माणाधीन पूजा पंडाल

बोले कमेटी के अध्यक्ष

पूरे पंडाल को बेहद खूबसूरत तरीके से वृन्दावन स्थित प्रेम मंदिर का लुक दिया जा रहा है. जबकि प्रतिमा को कोलकाता से मंगवाया जा रहा है जिसमें महिषासुर का वध करते हए इस बार माता का सौम्य रूप दिखेगा. रोशनी के लिए चन्दन नगर से लाइट्स को मंगवाया जा रहा है.

दिवाकर चौधरी, अध्यक्ष पूजा समिति

फोटो. 5 पूर्णिया 5……………………………

सुरक्षा और भीड़ पर नजर रखी जाती है. श्रद्धालुओं के आने जाने वाले रास्ते को सुचारू रूप से चलाने में कमेटी के तमाम सदस्य लगे रहते हैं जिस वजह से भीड़ नहीं लगती. सुरक्षा और विधि व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती और सीसीटीवी की व्यवस्था रहती है.

मनोहर प्रसाद लाल, सचिव पूजा समिति

फोटो. 5 पूर्णिया 6

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें