Purnima 2023: पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व होता है. कहते हैं पूर्णिमा पर चंद्र देव अमृत की बारिश करते हैं. पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा से आरोग्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. नवग्रहों में चंद्रमा को शीतलता और शांति का सूचक माना गया है. कुंडली में चंद्रमा की अच्छी स्थिति व्यक्ति के मन को शांत रखती है. मन शांत होने से सभी सुखों का अनुभव होता है, इसलिए चंद्रमा को शांत रखने के लिए शास्त्रों में उपाय बताये गये हैं. पूर्णिमा पर चंद्रमा की उपासना करना विशेष फलदायी होती है. इससे सुख-समृद्धि के साथ शांति की प्राप्ति होती है. सभी कष्ट दूर होते हैं और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है.
पूर्णिमा (Purnima 2023) के दिन चंद्र देव की पूजा का विधान है. शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा की रात्रि चंद्र के उदय होने के बाद लोटे से जल व दूध का अर्घ्य देना शुभ होता है. इससे चंद्र देव की कृपा बनी रहती है. पूर्णिमा पर चंद्र देव को देखकर ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए, इससे जीवन में अपार सफलता मिलती है.
पूर्णिमा पर चंद्रोदय के बाद चंद्र देव को कच्चे दूध में मिश्री और चावल मिलाकर अर्पित करनी चाहिए. इससे चंद्र देव प्रसन्न होकर आरोग्य का वरदान देते हैं. ऐसे में पूर्णिमा पर चंद्र देव की पूजा का बड़ा महत्व होता है. यह कहना है पंडित डॉ श्रीपति त्रिपाठी का. वे गुरुवार को प्रभात खबर में आयोजित पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए कह रहे थे. टेली काउंसेलिंग में पाठकों के पूछे गये सवाल और उनके जवाब जानिए..
जवाब- सिंह लगन की कुंडली और मिथुन राशि है. शुक्र की महादशा और शनि का अंतर चल रहा है. जनवरी 2023 से समय अनुकूल नहीं है. स्वास्थ्य संबंधी समस्या से बचने के लिए डॉक्टरी सलाह लें. शनि के मंत्रों और महामृत्यंजय के मंत्रों का जाप करें.
जवाब- मकर लगन की कुंडली और सिंह राशि है. बुध की महादशा और शुक्र का अंतर चल रहा है. अभी आपके के लिए काफी बेहतर समय है. नौकरी लगने के साथ-साथ बच्चे का भी सूख मिलेगा. लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें.
जवाब- कुंभ लगन की कुंडली और सिंह राशि है. शुक्र की महादशा और चंद्रमा का अंतर चल रहा है. समय ठीक है लेकिन बच्चे में सुस्ती ज्यादा है. माता रानी की पूजा करें.
जवाब- सिंह लगन की कुंडली और मिथुन राशि है. राहु की महादशा और राहु का अंतर चल रहा है. राहु की वजह से बच्चे के व्यवहार में जिद्द और चिढ़चिढ़ापन ज्यादा रहेगा. गुस्से पर नियंत्रण रखें. गुड़ का सेवन कराएं और बुधवार को यंत्र धारण कराये.
जवाब- तुला लगन की कुंडली और तुला राशि है. राहु की महादशा और राहु का अंतर चल रहा है.समय अच्छा नहीं है. मेहनत जारी रखें. अगले साल अगस्त के बाद से बेहतर समय के योग बन रहे हैं. पिता की सेवा और सूर्य की उपासना करें.
जवाब- तुला लगन की कुंडली और मीन राशि है. राहु की महादशा और सूर्य का अंतर चल रहा है. समय ठीक नहीं है. पिता की सेवा, सूर्य की उपासना और राहु के मंत्रों का जाप करें.