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पटना के हर अनुमंडल में क्विक रिस्पॉन्स टीम की होगी तैनाती, छापेमारी से पहले देनी होगी लोकल थाने को सूचना

पुलिस टीम पर लगातार हो रहे हमले को रोकने के लिए क्विक रिस्पांस टीम बनायी जा रही है, जो हर अनुमंडल में तैनात रहेगी. इसमें महिला पुलिस को भी शामिल किया जायेगा.

पटना. इन दिनों बिहार में पुलिस पर हमले बढ़ते जा रहे हैं. पिछले डेढ़ साल की बात करें, तो कई ऐसे मामले हुए हैं, जिसमें पुलिस असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया है. यही नहीं अपराधी को पुलिस चंगुल से छुड़ा कर फरार भी हो गये हैं. इस हमले में कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हो चुके हैं. पुलिस टीम पर लगातार हो रहे हमले को रोकने के लिए क्विक रिस्पांस टीम बनायी जा रही है, जो हर अनुमंडल में तैनात रहेगी. एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि प्रत्येक टीम में एक पुलिस अधिकारी सहित 10 जवान शामिल रहेंगे. छापेमारी या गिरफ्तारी के लिए उस अनुमंडल के पुलिस के साथ यह क्यूआरटी भी जायेगी. इसमें महिला पुलिस को भी शामिल किया जायेगा.

छापेमारी से पहले स्थानीय थाने को सूचना देने का निर्देश

अब दूसरे जिले या फिर पटना के किसी भी थाने की पुलिस को दूसरे थाना क्षेत्रों में छापेमारी या गिरफ्तारी करने से पहले स्थानीय थाने की पुलिस को सूचना देनी होगी. एसएसपी ने इस संबंध में सभी एसपी, एएसपी, एसडीपीओ व थानेदारों को निर्देश दिया है. दरअसल पिछले दिनों नालंदा के नगरनौसा थाने की पुलिस पर रामकृष्णानगर थाना क्षेत्र में असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया था.

इस घटना में एएसआइ समेत कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. साथ ही साथ हिरासत में लिये गये शख्स को भी पुलिस के चंगुल से छुड़ाकर फरार हो गये थे. एसएसपी ने बताया कि नगरनौसा थाने की पुलिस ने कार्रवाई से पहले स्थानीय थाने को इस बात की सूचना भी नहीं थी. यह साफ तौर पर बड़ी लापरवाही है.

अब अज्ञात नहीं बल्कि नामजद प्राथमिकी होगी दर्ज

पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ अब अज्ञात प्राथमिकी दर्ज नहीं की जायेगी. एसएसपी ने सभी थानेदारों को निर्देश देते हुए कहा कि चाहे देरी से ही सही पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की जाये, ताकि उस शख्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उसे सजा दिलवायी जा सके.

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दरअसल पहले पुलिस हमला करने वाले मामले में कुछ नामजद और कई अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर लेती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. एसएसपी ने कहा कि हमला करने वाले लोगों का वीडियो, सीसीटीवी व सोशल मीडिया से पहचान कर नामजद प्राथमिकी दर्ज करें. इसके अलावा छापेमारी के दौरान पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लेकर जाएं.

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