समाजवादी नेता के रुप में पूरे देश में अपनी पहचान रखने वाले 75 वर्षीय शरद यादव (Sharad Yadav Passes Away) का गुरुवार की देर शाम निधन हो गया. मूल रूप से मध्यप्रदेश के जबलपुर के रहने वाले शरद यादव देश के पहले ऐसे सांसद थे जो तीन राज्यों से सांसद रह चुके थे.लेकिन,बिहार उनकी राजनीतिक कर्मभूमि रही.यही कारण था कि उन्होंने राबड़ी देवी के सीएम रहते चुनावी मैदान में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चित कर दिया था.
लालू प्रसाद को शरद यादव ने उनके ही गढ़ मधेपुरा में हरा दिया था.मधेपुरा यादव बहुल क्षेत्र है.शरद ने लालू प्रसाद को तब चुनाव मैदान में हराया था जब प्रदेश में राबड़ी देवी की सरकार थी.1990 से लालू प्रसाद यादव लगातार मुख्यमंत्री थे.2007 में इस्तीफा देकर पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था. पूरे बिहार में लालू प्रसाद यादव का जलवा था लेकिन मधेपुरा में शरद यादव के सामने लालू प्रसाद यादव का जलवा फीका पड़ गया था.शरद यादव ने 1999 में मधेपुरा लोकसभा से लालू प्रसाद को 30320 वोट से हारा दिया था.1999 में लालू प्रसाद यादव को हराने के बाद शरद यादव एनडीए के शासनकाल में मंत्री भी बनाए गए थे.
https://www.youtube.com/watch?v=6lfhVV7CxKk
शरद यादव को मधेपुरा में की बार हार का भी सामना करना पड़ा था. लालू प्रसाद यादव ने ही उन्हें 1998 और 2004 में मधेपुरा लोकसभा सीट पर हराया था.लालू प्रसाद यादव के चुनावी मैदान में आने से पहले शरद यादव ने मधेपुरा लोकसभा में 1991 और 1996 में भारी मतों से जीत दर्ज की थी.शरद यादव ने 1991 में जनता पार्टी के उम्मीदवार आनंद मोहन को 285377 वोट से हराया था. इसी प्रकार 1996 में समता पार्टी से चुनाव मैदान में आए आनंद मंडल को भी उन्होंने 144046 वोटों से हराया था.मधेपुरा लोकसभा से शरद यादव चार बार चुनाव हार गए थे. 1998, 2004, 2014 और 2019 में वो चुनाव हार गए थे.2019 में वे राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े थे.