पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रैगिंग का मामला सामने आया है. यहां एमबीबीएस प्रथम इयर के छात्र ने अपने सीनियर छात्रों पर रैगिंग का आरोप लगाया है. हालांकि, कॉलेज प्रबंधन के अनुसार संबंधित छात्र ने लिखित नहीं, बल्कि मौखिक रूप से यह आरोप लगाया है. जानकारी के अनुसार एमबीबीएस प्रथम वर्ष का एक छात्र अस्पताल परिसर स्थित होस्टल में रहने के लिए कमरा देखने गया था. वहां पहले से मौजूद 2021 बैच के सीनियर छात्रों ने उसे अपने कमरे में बुलाया और उससे उसके बारे में पूछताछ की. वहीं सूत्रों की मानें तो सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्र को कमरे में बंद भी कर दिया. पीड़ित छात्र का आरोप है कि करीब आधे घंटे तक उसे कमरे में बंद रखा गया.
रैगिंग का मामला सामने आते ही कॉलेज प्रशासन के बीच चर्चा शुरू हो गयी. शुक्रवार को पीएमसीएच के प्रिंसिपल कार्यालय में कॉलेज के सभी एचओडी की बैठक बुलायी गयी है. इसमें रैगिंग मामले की जानकारी ली जायेगी. वहीं कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ विद्यापति चौधरी ने बताया कि छात्र के साथ रैगिंग हुई है या नहीं इसकी कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है. अगर शिकायत दर्ज होती है और मामला सही पाया गया तो नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
बताते चलें एक वर्ष पूर्व पटना के नामी कॉलेजों में से एक पटना वीमेंस कॉलेज में भी रैगिंग का मामला सामने आया था. दरअसल 29 अगस्त 2022 को पटना वीमेंस कॉलेज की एक छात्रा के साथ रैगिंग की गई थी. पटना वीमेंस कॉलेज में बीए फर्स्ट सेमेस्टर के छात्रा के साथ बीए फीफ्थ सेमेस्टर की पॉलिटिकल साइंस की लगभग 13 छात्राओं ने मिलकर रैगिंग एवं मारपीट किया था. इस घटना की शिकायत प्राचार्य एवं कॉलेज के एंटी रैगिंग कमिटी से की गई थी. लेकिन प्राचार्य और एंटी रैगिंग कमिटी के द्वारा दोषी छात्राओं के खिलाफ कोई अनुशासनिक और कार्रवाई नहीं की थी.
पीड़ित छात्रा और उसके परिजन इसको लेकर बार बार कॉलेज प्रशासन के समक्ष आरोपी छात्रा के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाती रही. लेकिन, कॉलेज प्रशासन की ओर से इसको लेकर कुछ नहीं किया गया. इधर, पीड़ित छात्रा को लगातार सीनियर छात्राएं फब्तियां कमेंटबाजी के साथ गंदी-गंदी गालियां देती रहीं. बाद में पुलिस के मामला को लेने से इंकार करने पर पीड़िता ने कोर्ट में अपनी गुहार लगायी थी. फिर कोर्ट ने पटना वीमेंस कॉलेज में हुए रैगिंग मामले के 8 महीने बाद एक समन जारी किया गया था.