राहुल गांधी पर बोले गिरिराज सिंह- दादा के मजार पर जाये या शंकराचार्य के मठ पर नहीं ले पा रहे फैसला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुला की तरफ से की गयी राहुल गांधी की तारीफ़ पर केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने कहा है कि फारुख अब्दुल्ला को तो अपनी हकीकत मालूम चल गयी है, लेकिन राहुल गांधी को अभी भी समझ नहीं आ रहा है कि वो करना क्या चाहते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2023 6:36 PM
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पटना. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुला की तरफ से की गयी राहुल गांधी की तारीफ़ पर केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने कहा है कि फारुख अब्दुल्ला को तो अपनी हकीकत मालूम चल गयी है, लेकिन राहुल गांधी को अभी भी समझ नहीं आ रहा है कि वो करना क्या चाहते हैं. यूपी में भारत जोड़ो यात्रा की रूट को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी कंफ्यूज्ड हैं. दादा के मजार पर जायें या शंकराचार्य के मठ पर, वो तय नहीं कर पा रहे हैं. फारख अब्दुला ने राहुल गांधी की तुलना शंकराचार्य से करते हुए कहा था कि सदियों पहले शंकराचार्य ऐसी ही यात्रा पर निकले थे. अब राहुल गांधी ऐसे नेता हैं, जो इस तरह की यात्रा पर निकले हैं.

मोदी विरोध में लोग देश के विरोधी बन रहे

केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने गुजरात दंगों पर बीबीसी द्वारा बनायी गयी डॉक्यूमेंट्री पर लगी रोक को उचित बताया. केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस की ओर से हो रहे विरोध पर उन्होंने कहा कि देश में अब एक एक नई संस्कृति पैदा हुई है. मोदी को गाली देते देते लोग अब देश की संस्कृति पर भी सवाल उठाने लगे हैं. अब ये लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग को भी गाली दे रहे हैं.

राजद का यह पुराना इतिहास 

नीतीश सरकार में राजद कोटे के मंत्री की ओर से सवर्णों को लेकर दिये गये विवादित बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा कि जो जिस राजनितिक दल में हैं, उसका इतिहास रहा है. वोट के लिए समाज को तोड़ना उनका इतिहास रहा है. इसमें कोई भी नयी बात नहीं है. हालांकि, उन्होंने एक बार फिर से यह कहा कि राजद के किसी भी नेता में हिम्मत है तो मुसलमानों का भी पवित्र ग्रंथ कुरान को लेकर कुछ टिप्पणी करें.


नीतीश कुमार अब एक लाचार मुख्यमंत्री

सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार अब एक लाचार मुख्यमंत्री बन चुके हैं. यह एक मुख्यमंत्री हैं, जो अपने मंत्रियों को समझा नहीं पा रहे हैं. तो यही कहा जाएगा कि धृतराष्ट्र के जैसे बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार के राज में सनातन धर्म को गाली देने का एक फैशन हो चुका है. धार्मिक उन्माद फैलानेवाले पर नीतीश कुमार चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं.

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