Modi Surname Case: राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, कोर्ट में सशरीर हाजिरी पर लगायी रोक

मोदी सरनेम पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. इसे लेकर कोर्ट में उनके वकील अंशुल पक्ष रखेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2023 2:04 PM

Modi Surname Case: मोदी सरनेम पर टिप्पणी मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की याचिका पर आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने कांग्रेस नेता को बड़ी राहत देते हुए अपना पिछला फैसला बरकरार रखा. इसके साथ ही, अगली सुनवाई के लिए 16 अगस्त का दिन दे दिया. इससे पहले 15 मई को कोर्ट ने कांग्रेस नेता को राहत देते हुए सुनवाई को 4 जुलाई तक के लिए टाल दिया था. इसके साथ ही, एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश पर अगले सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी थी. दरअसल, मोदी सरनेम पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले करने का एक मामला उनके विरुद्ध पटना एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है. इसी मामले में गुजरात की एक अदालत के फैसले से बाद उनके संसद की सदस्यता गयी थी. ऐसे में, कांग्रेस के लिए मामला संवेदनशील है.

पटना हाईकोर्ट ने दी थी राहत

पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में सुनवाई करते हुए राहुल गांधी को सशरीर कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के खिलाफ राहुल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. राहुल गांधी ने निचली अदालत के सशरीर हाजिर होने के आदेश को रद्द करने के लिए याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने 23 अप्रैल को राहुल गांधी की याचिका मंजूर करते हुए सुनवाई करने का फैसला दिया था. मामले में पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने राहुल गांधी को राहत देते हुए सशरीर कोर्ट में हाजिर होने से छूट दे दी थी. अब उनके वकील अंशुल पूरे मामले में राहुल गांधी का पक्ष रखेंगे.

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सुशील मोदी ने किया था केस

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी के द्वारा वर्ष 2019 में मानहानि का के केस किया गया था. याचिका में सुशील मोदी ने कहा था कि राहुल गांधी ने मोदी को चोर कहकर पूरे समाज का अपमान किया है. गौरतलब है कि मोदी सरनेम पर टिप्पणी मामले में राहुल को बड़ी मुसिबत झेलनी पड़ी है. ऐसे ही मामले में उन्हें गुजरात की सूरत कोर्ट से दो साल की सजा मिल चुकी है. इसके बाद उन्हें संसद से अपनी सदस्यता गवानी पड़ी थी. ऐसे में पटना हाईकोर्ट के फैसले पर सभी की नजरें टिकी है.

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