सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हो रहे सरकारी विभाग, ट्विटर पर रेल व पुलिस एक्टिव, स्मार्ट सिटी लि. फेल

सरकारी विभागों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रियता बढ़ाने को लेकर लगातार गाइडलाइन जारी होती है. लेकिन जिला में मुजफ्फरपुर पुलिस, रेलवे और रेल पुलिस का आधिकारिक ट्विटर सबसे अधिक एक्टिव है. वहीं निष्पादन के लिए संबंधित पदाधिकारी या विभाग को मामले को फॉरवार्ड किया जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2023 3:54 PM

मुजफ्फरपुर. जिले में सरकारी विभागों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रियता बढ़ाने को लेकर लगातार गाइडलाइन जारी होती है. लेकिन जिला में मुजफ्फरपुर पुलिस, रेलवे और रेल पुलिस का आधिकारिक ट्विटर सबसे अधिक एक्टिव है. इन तीनों डिपार्टमेंट में आम लोगों की ओर से की गयी शिकायत के बाद एक घंटे के भीतर रिप्लाइ दिया जाता है. वहीं निष्पादन के लिए संबंधित पदाधिकारी या विभाग को मामले को फॉरवार्ड किया जाता है.

शिकायत पर कोई रिस्पांस नहीं मिलता

दूसरी ओर आम लोगों से जुड़े नगर निगम व बिजली विभाग की बात करें तो शिकायत के बाद भी महीनों तक शिकायत पर कोई रिस्पांस नहीं मिलता है. यहीं नहीं नगर निगम का कोई सार्वजनिक ट्विटर हैंडल को सार्वजनिक भी नहीं किया गया है. वहीं मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी लि. (एमएससीएल ) का ट्विटर है, भी तो वह महीनों से सुस्त पड़ा है. जिला प्रशासन की ओर से फेसबुक व ट्विटर पर योजनओं और बैठकों के बारे में नियमित जानकारी शेयर की जाती है.

निर्देश के तहत बढ़ाना है फॉलोअर्स

पटना में आइपीआरडी विभाग द्वारा हाल में आयोजित एक विचार-मंथन सत्र के दौरान कहा गया था, कि जिला पीआरडी अधिकारियों द्वारा अपने संबंधित जिलों के सोशल मीडिया मंच पर फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाकर हर व्यक्ति और हर सामाजिक वर्ग तक पहुंचने का प्रयास किया जाना चाहिए. संबंधित अधिकारियों को भी इन मंचों पर सक्रिय रहने और ”फॉलोअर” की संख्या बढ़ाने का प्रयास करने के लिए कहा गया है. वहीं सरकार ने सोशल मीडिया में में अपनी उपस्थिति में सुधार लाने के दृष्टिकोण से व्हाट्स एप, फेसबुक और ट्विटर पर नगण्य गतिविधि वाले जिलों को इन मंचों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने और आमजन से अपना सरोकार बढ़ाने को कहा गया है.

शहर काे स्मार्ट बना रहे एमएससीएल का महज 440 फॉलोअर्स

मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी लि. की ओर से शहर को स्मार्ट बनाया जा रहा है. तकनीकी रुप से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से पूरे शहर में निगरानी की जा रही है. लेकिन सोशल मीडिया की बात करें तो एमएससीएल की स्थिति शून्य है. ट्विटर पर महज 440 फॉलोर्स है. टैग कर शिकायत या समस्या बताने के बाद भी कोई रिस्पांस नहीं दिया जाता है. स्मार्ट सिटी की ओर से 5 जनवरी 2023 को अंतिम ट्विट किया गया था. इसी से सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

अन्य विभागों की स्थिति

  • जिला प्रशासन का ट्विटर पर 29 हजार 800 फॉलोअर्स

  • रेल पुलिस का 1,275 फॉलोअर्स

  • मुजफ्फरपुर पुलिस का 2648 फॉलोअर्स

  • एनबीपीडीसीएल का 20 हजार 500 फॉलोअर्स

साइवर क्राइम में बढ़ा पुलिस पर भरोसा

इधर, सोशल मीडिया पर साइवर क्राइम मामले में बिहार आर्थिक अपराध शाखा की सक्रियता से लोगों का भरोसा पुलिस पर बढ़ा है. ट्वीटर पर इसके 351k फलोअर हैं. इतना ही नहीं इस विभाग का फेसबुक पेज भी काफी सक्रिय रहता है. विभाग के एसपी सुशील कुमार का हेंडल भी लोगों की शिकायत पर एक्ट करता है. इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर 1930 की सेवा भी लोग बड़े पैमाने पर लेने लगे हैं. इसके लिए पटना में स्थित आर्थिक अपराध इकाई में एक बड़ा कॉल सेंटर काम कर रहा है. हेल्पलाइन 1930 के लिए काम करने वाली टीम और सिस्टम पूरी तरह से रेडी रहती है. इस व्यवस्था का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पांच माह पहले किया था. बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में साइबर क्राइम के मामले बहुत तेजी से बढ़ते जा रहे. साइबर अपराधी हर दिन रुपयों की ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे. वर्तमान समय में साइबर क्राइम सेंट्रल एजेंसी के साथ-साथ सभी राज्यों की पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी हैं. अभी साइबर अपराध के मामले जब तक पुलिस तक पहुंचती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है. सही समय पर कार्रवाई शुरू हो सके, इसके लिए जरूरी है कि पुलिस तक समय पर साइबर अपराध की जानकारी भी पहुंचे. इसी उद्देश्य से हेल्पलाइन नंबर 1930 की शुरुआत बड़े स्तर पर हो रही.

एक साथ 30 लोगों के कॉल हो रहे अटेंड

हेल्पलाइन नंबर 1930 पर एक साथ 30 लोगों के कॉल को अटेंड करने की क्षमता है. इसके लिए इतने ही लोग 3 शिफ्टों में 7 दिन 24 घंटे काम कर रहे हैं. टीम में कुल 171 पॉलिसकर्मी शामिल हैं. एक महिला समेत 6 इंस्पेक्टर, 8 महिला समेत 15 सब इंस्पेक्टर और 88 पुरुष व 62 महिला समेत 150 सिपाही इसमें शामिल हैं. इन्हें अलग-अलग तरह के होने वाले साइबर क्राइम, ऑनलाइन बैंक फ्रॉड, बैंक स्टेटमेंट को पढ़ने का तरीका, कॉल रिसीव करने पर बात करने का तरीका, नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज करने का तरीका और ठगी के रुपयों को बचाने के तरीके के साथ ही इसके बाद केस दर्ज करवाने की प्रक्रिया की ट्रेनिंग दी जा रही.

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