पटना-बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना के इंतजार में जनता की आंखें पथरा गई है. वर्ष 2007 में परियोजना का शिलान्यास होने के 15 वर्ष बाद भी यह अधूरी है. इस योजना के पूरा होने से पटना, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद जिले की लाखों किसानों को लाभ होता. लेकिन सरकार के सुस्त व लापरवाह रवैये से अब यहां रहने वाले लोग खुद को अब ठगा महसूस कर रहे हैं.
पत्रकारों से बात करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने उक्त बातें बिहटा में कही. उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने अरवल में एक कार्यक्रम के दौरान बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन का निर्माण कराने की घोषणा की थी.16 अक्टूबर 2007 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने पालीगंज में इस परियोजना का शिलान्यास भी किया था. चार वर्ष में पूरी की जाने वाली परियोजना 15 वर्ष में भी अब पूरी नहीं हो पाई है. यही नहीं परियोजना कब तक पूरी हो पाएगी, इसका ठोस जवाब भी जिम्मेवारों के पास नही हैं.
हद तो यह है कि लेटलतीफी के कारण इस योजना की लागत करीब नौ गुना बढ़ गई है. लेकिन उसके बाद भी सरकार की इस परियोजना से की जा रही अनदेखी से परियोजना अब तक रफ्तार नहीं पकड़ सकी है. ज्ञान रंजन ने सवाल उठाया की इस क्षेत्र की जनता ने पिछले 15 सालों से एनडीए उम्मीदवारों को अपना समर्थन दिया और बदले में क्या मिला उन्होंने एक माह के भीतर उक्त परियोजना को चालू करने की मांग करते हुए कहा कि अगर परियोजना की शरुआत नही की गई तो क्षेत्र के सैकडों किसानो के साथ मिलकर कांग्रेस जनांदोलन चलायेगी.