दरभंगा. दरभंगा सहित मिथिला की रेल परियोजनाओं के लिए इस साल के बजट में अरबों का प्रावधान किया गया है. ऐसे में वर्षों से चल रही करीब आधा दर्जन रेल परियोजनाओं के इस वित्तीय वर्ष में पूरे होने के आसार हैं. बजटीय प्रावधानों पर अगर गौर करें तो पूरी होनेवाली परियोजनाओं को प्रयाप्त राशि उपलब्ध करा दी गयी है. जिन परियोजनाओं के इस वित्तीय वर्ष में पूरे होने की उम्मीद जतायी जा रही है उनमें मुख्य रूप से दरभंगा बाइपास लाइन, सकरी-हसनपुर रेलखंड और लौकहा बाजार-निर्मली रेलखंड शामिल हैं.
दरभंगा बाइपास लाइन को फाइनल टच देने की कोशिश बजट के माध्यम से की गयी है. 7.64 किलोमीटर की यह लाइन आने वाले समय में पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए मेन लाइन साबित होगी. यह तारसराय से शीशो में मिलेगी. 120.5 करोड़ का यह प्रोजेक्ट है, जिसमें 75 करोड़ रुपये इस वर्ष दिये गये हैं. इसके लिए दिल्ली मोड़ के समीप एक स्टेशन भवन का भी निर्माण अंतिम चरण में है. इसी तरह जयनगर-दरभंगा-नरकटियागंज 268 किमी लंबी रेल लाइन के लिए 25 करोड़ का प्रावधान हुआ है. यह खंड भी पूर्ण हो चुका है. छूटे हुए कार्य इस राशि से होने हैं. जयनगर-विजलपुरा-वर्दीबार 69.08 किमी लंबे अंतर राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना के लिए सौ करोड़ का प्रावधान हुआ. वहीं कोसी ब्रिज के लिए 18 करोड़ मिले हैं.
कुशेश्वरस्थान-खगड़िया नई रेल लाइन के लिए आम बजट में इस वर्ष 65 करोड़ दिये गये हैं. 570 करोड़ की यह परियोजना है. 44 किलोमीटर लंबा रेलखंड है, जिसके लिए पिछले बार 47 करोड़ का प्रावधान किया गया था. इस परियोजना के इस साल पूरा हो जाने की उम्मीद है. इसी प्रकार सकरी-लौकहा बाजार-निर्मली-सहरसा-फारबिसगंज 206.6 किमी लंबी रेल लाइन के लिए 105 करोड़ का प्रावधान बजट में हुआ है. पिछले बजट में 130 करोड़ दिये गये थे. यहां बता दें कि यह रेल परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है. कुछ तकनीकी कार्य शेष हैं, जिसके लिए यह राशि दी गयी है. ऐसे ही सकरी-हसनपुर 79 किलोमीटर लंबे रेल खंड के लिए 75 करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है. करीब 350 करोड़ की इस परियोजना में पिछले वर्ष 48 करोड़ 81 लाख 95 हजार रुपये मिले थे. इसमें सकरी से हरनगर तक रेल लाइन बन चुकी है, जिसपर परिचालन बहाल है.