Bihar Heat Wave: बिहार में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. 43 से 44 डिग्री तक तापमान अभी बना हुआ है और इस जानलेवा गर्मी ने एकतरह से अघोषित कर्फ्यू वाले हालात बना दिए हैं. अप्रैल महीने में गर्मी की ये हालत है जबकि जेठ का महीना अभी बाकी ही है. इस गर्मी से जहां एकतरफ जलस्तर भी गिरने लगा है वहीं रेल की पटरी को लेकर भी अब भय सताने लगा है. रेल की पटरियां गर्मी में अब टेढ़ी होने लगी है. दरभंगा में पटरी टेढ़ी मिली तो आनन-फानन में कुछ दूरी पर ही करीब पौने घंटे तक ट्रेन को रोका गया. वहीं भागलपुर समेत अन्य रूट पर भी पैट्रोलिंग की जा रही है.
ठंड में जिस तरह पटरी के सिकुड़ने व टूटने का डर बना रहता है, उसी तरह इस प्रचंड गर्मी में रेलवे की पटरी के टेढ़ा होने का खतरा बना रहता है. इस खतरे को देखते हुए भागलपुर रेलखंड में पीडब्लूआइ आर के सिंह के नेतृत्व में पेट्रोलिंग शुरू करा दिया गया है. भागलपुर से जमालपुर और भागलपुर से पीरपैंती तक पेट्रोलिंग कराया जा रहा है. हर दिन की रिपोर्ट पेट्रोलिंग दल में लगे रेलकर्मियों द्वारा पीडब्लूआइ को दी जा रही है.
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हाल में ही दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड के टेकटार स्टेशन के पास भीषण गर्मी के कारण पटरी में खराबी आ गयी थी. दरभंगा-रक्सौल पैसेंजर को करीब 45 मिनट तक रोक दिया गया था. टेकटार स्टेशन के पास निरीक्षण के दौरान रेलकर्मी की नजर अचानक पटरी पर पड़ी जो टेढ़ी हो गयी थी. उन्होंने इसकी जानकारी फौरन अधिकारियों को दी. इसके बाद दरभंगा से रक्सौल जा रही पैसेंजर ट्रेन को टेकटार स्टेशन के पास ही रोक दिया गया.
बिहार में दिन प्रतिदिन तापमान में वृद्धि हो रही है. ऐसे में रेल पटरी फैलने से रोकने के लिए रेल विभाग भी अलर्ट हो चुका है. इसके लिए रेल पटरी की मापी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. सहरसा-मानसी, सहरसा-पूर्णिया और सहरसा-सुपौल रेलखंड रेल पटरी को फैलने से रोकने के लिए हर सेक्शन में संबंधित विभाग की टीम लगा दी गयी है और मापी प्रक्रिया भी चल रही है.
बता दें कि गर्मी में तापमान बढ़ने के साथ पटरी के फैलने का खतरा बना रहता है. सुरक्षित परिचालन के लिए माइनस 6 से प्लस 20 एमएम पटरी के बीच की दूरी होनी चाहिए. अगर पटरी फैलती है तो इंजन और ट्रेन दोनों पटरी से उतर सकती है और दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में सुरक्षित परिचालन के लिए कई विभागों को मापी प्रक्रिया में लगा दिया गया है.