समान दूरी की पैसेंजर ट्रेनों में रेलवे वसूल रहा अलग-अलग किराया, यात्री परेशान
कोरोना का असर कम होने के बाद यात्रियों की सुविधा के लिए पैसेंजर ट्रेनों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ायी जा रही है. इससे यात्रियों को सुविधा मिल रही है, लेकिन पैसेंजर ट्रेनों में दो तरह का किराया लगने से यात्री परेशान हैं.
पटना. कोरोना का असर कम होने के बाद यात्रियों की सुविधा के लिए पैसेंजर ट्रेनों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ायी जा रही है. इससे यात्रियों को सुविधा मिल रही है, लेकिन पैसेंजर ट्रेनों में दो तरह का किराया लगने से यात्री परेशान हैं.
एक पैसेंजर ट्रेन में कम किराया लग रहा है, जबकि दूसरे पैसेंजर ट्रेन में उतनी ही दूरी के लिए मेल/एक्सप्रेस का किराया लिया जा रहा है. यात्रियों को अधिक किराया देने पर भी कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं मिल रही है.
किराये में दोगुना से अधिक का अंतर
पैसेंजर ट्रेन से दानापुर जानेवाले यात्री मौर्य ने बताया कि पटना से दानापुर जाने में शटल ट्रेन में 10 रुपये लगते हैं. जबकि स्पेशल चलनेवाली पैसेंजर ट्रेन में 30 रुपये किराया लग रहा है. वहीं पटना से बस में भी सफर किया जाये, तो बीएसआरटीसी बस में 16 रुपये, जबकि निजी बस में 20 रुपये लगता है.
पैसेंजर ट्रेन में अधिक किराया लिये जाने से यात्री परेशान हैं. पटना से खुलनेवाली पटना-वाराणसी मेमू पैसेंजर से सफर करनेवाले सुनील कुमार ने बताया कि पटना से आरा के लिए 30 रुपये लिया गया, जबकि पैसेंजर ट्रेन का किराया 15 रुपया है.
पटना से जहानाबाद जानेवाले अंशु कुमार ने बताया कि 30 रुपये किराया लगा. गया जानेवाले रामप्रवेश ने बताया कि 50 रुपये किराया लगा है. इस रूट में चलनेवाली दो पैसेंजर ट्रेनों में पैसेंजर ट्रेन का किराया मात्र 25 रुपये लगता है.
यात्रियों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि किस पैसेंजर ट्रेन में इसमें मेल/एक्सप्रेस का किराया लगेगा. किस पैसेंजर ट्रेन में साधारण किराया लगेगा. इसका रेलवे की ओर से खुलासा नहीं होने पर यात्री परेशान हो रहे हैं.
42 पैसेंजर ट्रेनों में लग रहा एक्सप्रेस का किराया
बिहार दैनिक यात्री संघ के सदस्यों ने बताया कि कोरोना में पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल नाम देकर चलाया जा रहा है. इसमें मेल/एक्सप्रेस का किराया लिया जा रहा है. संघ की ओर से इसका विरोध किया गया है. इसके लिए जीएम को भी पत्र दिया गया है. पूमरे में लगभग 42 पैसेंजर ट्रेनों में मेल/एक्सप्रेस का किराया लिया जा रहा है.
Posted by Ashish Jha