दरभंगा. रेवले विजन 2060 पर काम कर रहा है. तीन सौ करोड़ की लागत से दरभंगा जंक्शन विश्वस्तरीय बनेगा. यात्रियों को यहां वर्तमान में एयरपोर्ट पर उपलब्ध व्यवस्था से भी बेहतर सुविधा मिलेगी. प्रवेश-निकास के साथ ही अन्य बुनियादी व्यवस्था बेहतर तो मिलेगी ही, यहां प्राय: सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होगी. गुरुवार को आरएलडी की टीम ने जंक्शन का स्थल निरीक्षण किया है. रेल अधिकारियों से गहन विमर्श के साथ ही जिलाधिकारी से भी इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर मुलाकात की. बताया जाता है कि जंक्शन के बाहरी परिसर के अतिक्रमण सहित जरूरी जमीन को खाली कराने को लेकर डीएम से टीम के अधिकारियों ने बात की.
परियोजना पर करीब तीन सौ करोड़ का खर्च आयेगा. इस दौरान एडीआरएम मनीष शर्मा के साथ सीनियर डीसीएम चंद्रशेखर प्रसाद, ग्रुप जेनरल मैनेजर प्रभात रंजन सिंह, सीनियर आर्किटेक्ट मनोज कुमार यादव, सीनियर डिविजनल इंजीनियर विनोद कुमार गुप्ता, विद्युत इंजीनियर प्रभात कुमार, सहायक मंडल इंजीनियर विजय शंकर सिंह, संगीता मीणा, स्टेशन अधीक्षक अशोक कुमार सिंह आदि मौजूद है. उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के कुछ चुनिंदा स्टेशनों में दरभंगा जंक्शन भी शामिल है. इसे विश्वस्तरीय बनाये जाने की कवायद तेज हो गयी है. इसको लेकर रेल मंत्रालय की ओर से रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) की टीम दरभंगा पहुंची थी.
एइएन विजय शंकर सिंह ने बताया कि रेल मंत्रालय ने कुछ महत्वपूर्ण स्टेशनों को मेजर अपग्रेडशन के लिए चुना है. इस सूची में दरभंगा जंक्शन भी शामिल है. आरएलडी ने स्टेशन के पुनिर्विकास के लिए मास्टर प्लान, प्राक्कलन और डीपीआर तैयार करने के लिए विस्तृत सर्वेक्षण कर लिया है. आर्किटेक्ट की ओर से ड्राफ्ट, मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसकी भौतिक जांच व भौगोलिक सत्यापन अपर मंडल रेल प्रबंधक मनीष शर्मा के नेतृत्व में विभागीय अधिकारियों की टीम तथा आरएलडीए की टीम ने संयुक्त रूप से किया.
स्टेशन पर आगमन व प्रस्थान करने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग एराइवल व डिपार्चर कनकोर्स बनाया जायेगा. अगले 45 वर्षों में यात्रियों की बढ़नेवाली संभावित संख्या को ध्यान में रखकर यह मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. इसमें 72 मीटर चौड़ा डिपार्चर यानी फुट ओवर ब्रिज की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी. यात्रियों को प्रतीक्षा के लिए इसी कनकोर्स में बैठने, सामान रखने एवं प्रतीक्षा करने के लिए अन्य जरूरी सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी. प्रस्तावित मास्टर प्लान के तहत इस स्टेशन पर आगमन व प्रस्थान के लिए अलग-अलग कनकोर्स बनेगा. इस कनकोर्स में यात्रियों की प्रतीक्षा के समय जरूरत में आने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी. कनकोर्स के लिए दोनों छोर पर अलग-अलग फुटओवर ब्रिज का प्रावधान होगा.