नालंदा. बिहार में रेलवे अब भगवान भरोसे है. मरम्मत तो दूर अब सही से पटरियों की देख रेख भी नहीं हो पा रही है. बताया जा रहा है कि रेलवे के पास कर्मियों की किल्लत है. ऐसे में रविवार को रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. रविवार को राजगीर-बख्तियारपुर रेलखंड के चैनपुरा रेलवे क्रॉसिंग के पास टूटी हुई पटरी पर कई ट्रेनें गुजर गईं. शुक्र रहा कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.
घटना के संबंध में बताया जाता है कि रविवार को लोगों की नजर टूटी हुई रेलवे पटरी पर पड़ी. आनन-फानन में लोगों ने इस बात की जानकारी चैनपुरा रेलवे क्रॉसिंग के गेटमैन को दी. गेटमैन ने तत्काल इसकी सूचना स्टेशन मास्टर को दी. जब पटरी के टूटे होने की जानकारी रेलवे के अधिकारियों कोई हुई तो पूरे महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में इंजीनियरों और अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची. कुछ घंटों में पटरी को ठीक कर दिया गया. हालांकि तबतक कई ट्रेनें टूटी हुई पटरी से गुजर चुकी थीं. ग्रामीणों की सजगता के कारण आज एक बड़ा रेल हादसा होने से बाल-बाल बच गया.
रेलवे की ओर से लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. बिहार में लगातार रेलवे की लापरवाही सामने आ रही है. बीते 14 दिसंबर को भागलपुर में भी बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया था. भागलपुर-किउल रेलखंड के सुल्तानगंज स्टेशन के पास मालदा-किउल इंटरसिटी एक्सप्रेस की कपलिंग खुल गयी थी, जिससे ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई थी. यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई. इस रेलखंड पर करीब एक घंटे के तक परिचालन बाधित रहा था. इससे पहले 3 दिसंबर को रोहतास में भी गया-दीनदयाल उपाध्याय रेलखंड पर सासाराम और करबंदिया स्टेशन के बीच महाबोधि एक्सप्रेस की दो बोगियां खुलकर अलग हो गईं थी.