होली के बाद काम पर लौटने का सफर हुआ मुश्किल, टॉयलेट में बैठकर बिहार से दिल्ली और मुंबई जा रहे यात्री
पटना जंक्शन पर जैसे ही ट्रेन रुकी यात्रियों में चढ़ने और उतरने के लिए मारामारी होने लगी. सबसे अधिक दिक्कत स्लीपर और जनरल क्लास में थी. जनरल क्लास में लोग गेट पर बैठे हुए थे, वहीं स्लीपर में चढ़ने के लिए धक्का-मुक्की हो रही थी.
होली की छुट्टी खत्म हो चुकी है और होली के मौके पर बिहार पहुंचे लोग अब अपने अपने गंतव्य स्थल की तरफ ट्रेनों से रवाना होने लगे हैं. हालांकि पूर्व मध्य रेलवे ने होली को देखते हुए होली स्पेशल ट्रेन चलायी है, लेकिन ये इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. भागलपुर से दिल्ली के आनंद विहार जाने वाली विक्रमशीला एक्सप्रेस और भागलपुर से मुंबई जाने वाली लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस की स्थिति काफी गंभीर दिखी.
मुश्किल हालात में सफर पूरा कर रहे यात्री
प्रभात खबर ने लोकप्रिय ट्रेनों का जायजा लिया तो पता चला कि मुसाफिर बड़े ही मुश्किल हालात में 24 से 36 घंटे का सफर पूरा कर रहे हैं. विक्रमशीला एक्सप्रेस में जनरल के साथ स्लीपर की भी हालात काफी खराब थी. जनरल में तो पैर रखने की जगह नहीं थी. जनरल बोगी में लोग गेट पर चढ़कर सफर पूरा कर रहे थे. यहां तक कि टॉयलेट में भी लोग बैठे हुए नजर आये. कुछ ऐसा ही हाल भागलपुर से मुंबई जाने वाली लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस का भी था.
ट्रेन पर चढ़ने के लिए मारामारी
पटना जंक्शन पर जैसे ही ट्रेन रुकी यात्रियों में चढ़ने और उतरने के लिए मारामारी होने लगी. सबसे अधिक दिक्कत स्लीपर और जनरल क्लास में थी. जनरल क्लास में लोग गेट पर बैठे हुए थे, वहीं स्लीपर में चढ़ने के लिए धक्का-मुक्की हो रही थी. भागलपुर से मुंबई का सफर 33 घंटे का होता है. जिन लोगों ने स्लीपर से जाने के लिए दो महीने पहले बुकिंग करायी थी, उन्हें भी अपनी सीट पर सिर्फ बैठने की जगह मिली. सोना या पैर पसारना उनके लिए मुश्किल था.
रेगुलर या होली स्पेशल ट्रेनों में दिल्ली, मुंबई के लिए अभी लंबी वेटिंग
पूर्व मध्य रेलवे ने होली को देखते हुए होली स्पेशल ट्रेनें चलायी हैं. पटना, दानापुर से दिल्ली, जबलपुर, मुंबई जैसी जगहों के लिए होली स्पेशल ट्रेनें चलायी गयी हैं, लेकिन इन ट्रेनों में भी कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल लग रहा है. सबसे अधिक मारा-मारी एसी टिकट के लिए है. रेगुलर हो या होली स्पेशल दोनों तरह की ट्रेनों से दिल्ली और मुंबई पहुंचना अभी दुश्वारियों से कम नहीं है.
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स्लीपर में 158 ,थर्ड एसी में 71 तक वेटिंग
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12 मार्च को पटना से आनंद विहार के लिए खुलने वाली होली स्पेशल गाड़ी संख्या 3255 में स्लीपर में 158 ,थर्ड एसी में 71, जबकि सेकेंड एसी में 27 वेटिंग है.
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16 मार्च को पटना से आनंद विहार के लिए जाने वाली इसी होली स्पेशल ट्रेन में स्लीपर में 84, थर्ड एसी में सात वेटिंग है.
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11 मार्च को पटना से इंदौर से आगे जाने वाली पटना-आंबेडकर नगर (9344) में स्लीपर में 129, थर्ड एसी में 30 और सेकेंड एसी में सात वेटिंग है.
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13 मार्च को दानापुर से भोपाल जाने वाली दानापुर-कमलापति होली स्पेशल (2156) में स्लीपर में 73 वेटिंग व थर्ड एसी में आरएसी में 32 है.
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पटना-इंदौर एक्सप्रेस में स्लीपर में 177, जबकि थर्ड एसी में 66 वेटिंग है.
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11 मार्च को दानापुर से कोटा के लिए रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 9818 होली स्पेशल ट्रेन में स्लीपर में 77 वेटिंग, जबकि थर्ड एसी में आरएसी की स्थिति है.
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11 मार्च को ही पटना-कोटा एक्सप्रेस में स्लीपर में 229, थर्ड एसी (इकोनॉमी) में 33 वेटिंग है.
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13 मार्च को गाड़ी संख्या (3251) राजगीर-आनंदविहार होली स्पेशल में स्लीपर में 84, एसी में 13 वेटिंग है.
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13 मार्च को ही श्रमजीवी एक्सप्रेस (12391) में स्लीपर में 270, जबकि एसी में 126 वेटिंग है.
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11 मार्च को ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस और विक्रमशिला एक्सप्रेस के स्लीपर में रिग्रेट, जबकि दूसरी ट्रेनों में लंबी वेटिंग है.