केंद्र सरकार की ओर से रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए अमृत भारत योजना शुरू की गयी है. इसके तहत अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल के अंतर्गत भी आने वाले सभी छोटे-छोटे रेलवे स्टेशन शामिल हैं. योजना में शामिल होने के बाद रेलवे यहां पर विकास कार्य करायेगा. जानकारी के अनुसार, इसके तहत गया से सटे गुरारू व रफीगंज स्टेशन पर भी विकास से जुड़े काम कराये जायेंगे. इस योजना के तहत रेलवे स्टेशनों पर न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं से इतर अन्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. इसे लक्ष्य के साथ चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा. इसमें हितधारकों की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा गया है. स्टेशन पर नयी सुविधाओं की शुरुआत के साथ ही पुरानी सुविधाओं को भी अपग्रेड किया जायेगा.
सभी कार्य एक साल या अधिकतम 18 महीने में पूरा किये जायेंगे. इसके तहत स्वचालित सीढ़ी, लिफ्ट, ट्रेन कोच इंडिकेटर, लाइब्रेरी, रूफटॉप प्लाजा, सिटी सेंटर, वाइफाइ, लंबा प्लेटफॉर्म, अव्वल दर्जे के यात्री प्रतीक्षालय, बुक स्टॉल जैसी कई महत्वपूर्ण यात्री सुविधाओं में इजाफा किया जाना है. हालांकि, कुछ रेलवे स्टेशनों पर मजदूरों की कमी के कारण काम को पूरा करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन, फिर भी अतिरिक्त मजदूरों को लगाकर काम को पूरा करने की योजना बनायी गयी है. ताकि, समय सीमा के अंदर लोगों को हर सुविधा रेलयात्रियों को मिल सके.
यात्री सुविधाओं के उन्नयन कार्यों में प्रमुख रूप से अलग-अलग स्टेशनों में स्टेशन तक पहुंच मार्ग, द्वार व स्टेशन परिसर का विकास, प्लेटफॉर्म शेल्टर, स्टेशनों के एलइडी नेम बोर्ड, स्टेशन परिसर में पर्याप्त लाइटिंग कैफेटेरिया, स्थानीय कला व संस्कृति को शामिल करते हुए स्टेशनों का सौंदर्यीकरण, सीसीटीवी कैमरा, दिव्यांग फ्रेंडली शौचालय, पार्सल के लिए जगह, स्टेशनों पर स्थित कार्यालयों के लिए उचित जगहों का चिह्नित, साइनेज, सीसीटीवी आदि लगाने की योजना इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं.
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हाजीपुर के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर रेलवे द्वारा अमृत भारत योजना देश भर में लगभग 1000 रेलवे स्टेशनों पर लागू होगी. उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों का मास्टर प्लान तैयार करना है. रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई चरणों में मास्टर प्लान का कार्यान्वयन करना है. इस नयी योजना के तहत प्रत्येक चयनित छोटे स्टेशन पर 10 से 20 करोड़ का निवेश होगा.