पटना. यात्रीगण कृपया ध्यान दें, हावड़ा से श्रीगंगानगर जानेवाली 13007/08 उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस अनिश्चितकाल के लिए रद्द की जाती है. जी, हां, वर्ष 1930 से संचालित और तेज गति से चलने के लिए मशहूर उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस 13007/08 का परिचालन स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया गया है. इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
लगभग 90 वर्षों के दौरान हावड़ा से श्रीगंगानगर जानेवाली यह ट्रेन 1978 किलोमीटर लंबी दूरी लगभग 46 घंटे में तय करती थी. कोरोना के दौरान इस ट्रेन को बंद कर दिया गया था. अब इसे स्थायी रूप से बंद करने की तैयारी है.
उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस आठ राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान होते हुए हावड़ा से श्री गंगानगर तक सफर तय करती थी. कोहरे के कारण यह ट्रेन दिसंबर से मार्च तक अक्सर रद्द रहती है.
आधिकारिक सूत्र ने बताया कि अब इससे अधिक गति से चलनेवाली ट्रेनें हो गयी हैं. जानकारी के अनुसार अन्य ट्रेनों के बंद करने पर भी विचार हो रहा है. इसमें हावड़ा अमृतसर, अपर इंडिया, सियालदह-आनंद विहार सहित अन्य ट्रेनें शामिल हैं. इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
कोविड संक्रमण में कमी आने के बाद यात्रियों की सुविधा के लिए पूर्व मध्य रेल में चलनेवाली ट्रेनों में से 95 फीसदी ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है. वहीं स्वतंत्रता आंदोलन के समय से तेज गति से चलने के लिए मशहूर तूफान एक्सप्रेस को बंद करने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा कुछ अन्य ट्रेनों पर भी विचार हो रहा है.
कोविड संक्रमण में कमी के बाद पूर्व मध्य रेल में अभी 235 मेल/एक्सप्रेस व 268 पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं. इसके अलावा 65 ट्रेनें फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन के रूप में चल रही हैं. मिली जानकारी के अनुसार कोविड से पहले पूर्व मध्य रेल में 303 मेल/एक्सप्रेस व 308 पैसेंजर ट्रेनें चलती थीं.
रेलवे के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि बची हुई लगभग 45 ट्रेनों के परिचालन पर रेलवे बोर्ड शीघ्र निर्णय लेगा. रेलवे बोर्ड की ओर से 148 ट्रेनों को स्पेशल की जगह सामान्य कर दिया गया है. ट्रेनों के नंबर के आगे से जीरो हटा दिया गया है.
पूमरे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए अधिक स्पीड वाली नयी ट्रेनें चल रही हैं. यात्री भी उसमें अधिक सफर करना पसंद करते हैं. कई पुरानी ट्रेनें अब कम पॉपुलर हो गयी हैं. कोविड संक्रमण में कमी आने के बाद अब अधिकांश ट्रेनों का परिचालन हो रहा है.
Posted by Ashish Jha