Bihar Weather: उत्तर बिहार में आंधी के साथ हुई बारिश, जानें अगले तीन दिन कैसा रहेगा मौसम

Bihar Weather: मोचा तूफान की वजह से बिहार खासकर उत्तरी बिहार में उत्तर-पूर्वी हवा की सतह पर गति 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा और झौंके के साथ हवा की गति 40 किलोमीटर पहुंच सकती है. इधर दक्षिणी बिहार में अगले कुछ दिनों में पारा दो से तीन डिग्री सेल्सियस बढ़ने के आसार हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2023 10:49 PM
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Bihar Weather: बिहार के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में भीषण गर्मी के बाद रविवार की शाम अचानक मौसम का मिजाज बदल गया. कई इलाकों में धूल भरी आंधी के साथ झमाझम बारिश हुई. अचानक मौसम में हुए इस परिवर्तन से आम जनजीवन अस्त – व्यस्त हो गया. हालांकि लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली.

मोचा की सक्रियता बिहार से काफी दूर

बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात मोचा के प्रभाव से बिहार के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में थंडर स्टोर्म (आंधी-पानी) की गतिविधियां तेज हो सकती हैं. यह गतिविधियां तीन दिनों के लिए संभावित हैं. हालांकि आइएमडी ने इसको लेकर किसी तरह का कोई अलर्ट जारी नहीं किया है. दरअसल मोचा की सक्रियता बिहार से काफी दूर है.

दक्षिण बिहार में बढ़ सकता है पारा 

आइएमडी के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी आशीष कुमार ने बताया कि बिहार में इस तूफान का किसी तरह का प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं हुआ है. हालांकि इस तूफान की वजह से बिहार खासकर उत्तरी बिहार में उत्तर-पूर्वी हवा की सतह पर गति 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा और झौंके के साथ हवा की गति 40 किलोमीटर पहुंच सकती है. इधर दक्षिणी बिहार में अगले कुछ दिनों में पारा दो से तीन डिग्री सेल्सियस बढ़ने के आसार हैं.

हिट वेव की स्थिति नहीं बन रही

दरअसल पूर्वी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. रविवार को प्रदेश में सर्वाधिक तापमान नालंदा में दर्ज किया गया. यहां का उच्चतम तापमान 41.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. बिहार के 14 जिलों में उच्चतम तापमान 40 से 40.5 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है. बिहार के अभी किसी भी जिले में अभी हिट वेव की स्थिति नहीं है.

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बारिश से आम-लीची को होगा लाभ 

खरीफ फसल की खेती के लिए तैयारी कर रहे किसान इस बारिश को अनुकूल मां रहे हैं. बारिश आंधी के कारण आम व लीची के फसल टूट कर गिरे कई जगह पेड़ों की डालियां और बिजली के तार में जुटे जिसका असर विद्युत आपूर्ति पर पड़ा. इधर लिची व आम उत्पादक किसानों की मानें तो नुकसान से ज्यादा फायदा होगा. क्योंकि फल के आकार में वृद्धि होगी और मिठास आएगी.

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