बिहार में चक्रवाती तूफान मिचोंग के असर से हुई बारिश किसानों के लिए आफत बन गई है. बुधवार रात से राज्य के अधिकांश हिस्सों में मिचोंग के कारण हुई बारिश ने अगहनी और चैती दोनों फसलों को बर्बाद कर दिया है. इस बारिश ने किसानों के आर्थिक विकास की नैया डूबो दी है. अधिकांश किसानों के खेतों में खड़ी धान की फसल बारिश में भीग कर बर्बाद हो रही है. जो फसलें भीगने के बाद बची हैं उनकी कीमतों में भी गिरावट तय है. ऐसे में मेहनत और पैसा खर्च कर उगाई गई फसल को बर्बाद होता देख अन्नदाताओं की पीड़ा बढ़ गई है. वहीं दूसरी तरफ जिन खेतों रबी फसल की बुआई हो रही थी वो भी ठप पर गई है.
खेत-खलिहान में पड़े हैं धान
दरअसल, धान की फसल काटने के बाद कुछ किसानों ने उसे खेत में ही छोड़ दिया है और कुछ किसानों के धान के बोझे खलिहान में पड़े हुए हैं. वहीं, जिन किसानों ने अपने धान की फसल को हार्वेस्टर से कटवा ली है, उनकी फसल भी अभी खलिहानों में ही रखी हुई हैं. इस तरह इस बार अधिकतर किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
खेतों में नहीं चल सकेगा हार्वेस्टर
धान के खेतों में अभी भी नमी बरकरार है. वहीं अब बारिश होने की वजह से खेतों की मिट्टी इतनी गिली हो गयी है कि हार्वेस्टर खेतों में चल नहीं पायेगा. इसके लिए किसानों को खेतों के सूखने तक का इंतजार करना पड़ेगा. साथ ही धान की फसल जो बारिश के कारण खेतों में गिर गयी है उसको हार्वेस्टर से काटना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा. वहीं, धान की फसल के भींग जाने से उसके खराब होने के साथ उसकी कीमत में गिरावट आना भी तय है.
पिछड़ती जायेगी रबी फसलों की बुआई
बे मौसम बरसात से जहां धान के फसल को क्षति हो रही है. वहीं, रबी फसलों की बुआई पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा. खेतों में अधिक नमी होने के कारण ट्रैक्टर से खेतों की जुताई व बुआई दोनों प्रभावित हो जायेगी. जिन किसानों द्वारा दो से तीन दिनों के अंदर गेहूं, चान, मटर, मसूढ़ आदि की बुआई करायी गयी है, उनके बीज भी खेतों में पानी लगने से सड़ कर नष्ट हो जाएंगे. हालांकि, जिन किसानों की रबी फसल ऊपर निकल आयी है, उसके लिए यह बारिश काफी लाभदायक साबित होगी.
धान की कीमतों में आयेगी गिरावट
किसान बहुत ही उम्मीद के साथ कड़ी मेहनत कर अपनी फसल को तैयार करता है, लेकिन इस बार हो रही बेमौसम बरसात किसानों की कमर तोड़ देगी. धान की फसल के भींगने से उसमें नमी अधिक हो जायेगी, जिसका परिणाम होगा कि पैक्स व व्यवसायी धान की फसल को कम दामों पर खरीदेंगे. इससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा. जबकि, बिचौलिए इसका भरपूर फायदा उठाने का प्रयास करेंगे, जो किसानों के गाढ़ी मेहनत से उगायी गयी धान की फसल को औने-पौने दामों पर खरीदारी करेंगे.
कैसे होगी बेटे-बेटियों की शादी
किसानों के सभी कामकाज उनके फसलों की अच्छी पैदावार पर ही टिकी होती है. अपना खून पसीना एक कर खेती करने वाले किसानों को हर बार बड़ी उम्मीद होती है कि इस बार फसल अच्छी होगी और वह उसको बेचकर उससे प्राप्त हुई राशि से बच्चों की पढ़ाई, उनका शादी विवाह, घर बनाने, लिए गये कर्ज की भरपाई करने सहित तमाम कामों को करने की होती है. लेकिन, जब प्राकृतिक आपदा किसानों पर कहर बनकर टूट पड़ती है, तो उनकी सभी योजनाएं धराशायी हो जाती है.
किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी
मौसम की बेरुखी में जिस तरह खरीफ व रबि की फसल को प्रभावित किया है. इसे देखकर किसानों का कलेजा फटा जा रहा है. लेकिन, ये अन्नदाता करें भी तो क्या प्रकृति के आगे किसी की नहीं चली है बिन मौसम बरसात ने किसानों की आर्थिक स्थिति को बिगाड़ कर रख दिया है. हर किसान प्रकृति की मार से इतना दुखी है कि उसके चेहरे पर दुख की लकीरें स्पष्ट दिखाई दे रही है.
कब खत्म होगा मिचौंग का प्रभाव
चक्रवाती तूफान मिचौंग का प्रभाव शुक्रवार को पूरी तरह खत्म होने के बाद शनिवार से राज्य के तापमान मे गिरावट होगी. इससे पहले मिचौंग के कारण बुधवार की रात से गुरुवार तक पटना, गया, औरंगाबाद, नवादा, कटिहार, भभुआ, पश्चिमी चंपारण, भागलपुर, बांका, मुजफ्फरपुर सहित राज्य के अधिकांश हिस्से में बारिश हुई. आइएमडी रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को दिन भर सूरज नहीं निकला. इससे किशनगंज को छोड़ कर राज्य के अधिकतर क्षेत्रों के अधिकतम तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गयी. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक हल्की बारिश का रबी की फसल पर सकारात्मक असर पड़ेगा. हालांकि जहां बारिश कुछ अधिक हुई है, वहां बोवनी में कुछ विलंब होने की आशंका है.
तीन से पांच डिग्री की तापमान में कमी का पूर्वानुमान
इधर, चक्रवाती तूफान मिचौंग का प्रभाव शुक्रवार को पूरी तरह खत्म हो जाने की संभावना है. इससे मौसम साफ होने के पुख्ता आसार हैं. ऐसे में शनिवार से राज्य के सभी हिस्सों में रात की ठंड बढ़ने के आसार बन गये हैं. आठ से 11 नवंबर तक न्यूनतम तापमान में तीन से पांच डिग्री की कमी आने का पूर्वानुमान हैं. आइएमडी ने पूर्वानुमान जारी किया है कि शुक्रवार से राज्य के अधिकतर हिस्सों में मध्यम दर्जे का और कुछ जगहों पर घना कुहासा छा सकता है. आइएमडी के मुताबिक 12 दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के संकेत हैं. उम्मीद है कि विक्षोभ शक्तिशाली हुआ तो बिहार में अच्छी खासी ठंड के आसार बन जायेंगे. हालांकि अभी कोल्ड वेव की संभावना दूर-दूर तक नहीं है.