सारण में बारिश होने से किसानों को मिली राहत, ये फसलों के लिये है संजीवनी

मौसम के मेहरबान होने से किसानों की चिंता कुछ हद तक दूर हो गयी है. अनुभवी किसानों की माने तो जून, जुलाई और अगस्त महीने में औसत से काफी कम बारिश होने से धान और मक्के की फसल को काफी नुकसान हुआ है. बावजूद इसके इस बारिश ने फसलों के लिये संजीवनी का काम किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2022 5:23 AM

सारण. मंगलवार का दिन किसानों के लिये मंगलकारी रहा. सुबह से ही झमाझम बारिश शुरू हो गयी. जो दोपहर बाद तक चलती रही. बारिश के बाद खेतों में लगे पानी को देख किसानों के चेहरे खुशी से झूम उठे. चिलचिलाती धूप की वजह से हो रही भीषण गर्मी से भी लोगो को काफी हद तक राहत मिली है.

बारिश ने फसलों के लिये संजीवनी का काम किया है

बारिश के बाद मौसम पूरे दिन सुहाना बना रहा. इधर एक पखवारे से बारिश नहीं होने से किसान खरीफ फसलों को लेकर चिंतित थे. मगर मौसम के मेहरबान होने से किसानों की चिंता कुछ हद तक दूर हो गयी है. अनुभवी किसानों की माने तो जून, जुलाई और अगस्त महीने में औसत से काफी कम बारिश होने से धान और मक्के की फसल को काफी नुकसान हुआ है. बावजूद इसके इस बारिश ने फसलों के लिये संजीवनी का काम किया है. इधर एका-एक हुई मूसलाधार बारिश से मुख्य बाजार से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में कीचड़ फैलने से लोगों को चलने-फिरने में परेशानी झेलनी पड़ रही है. बारिश के बाद किसान धान और मक्के की फसल में यूरिया के छिड़काव को लेकर जुट गये है. निकौनी करने में किसान अपने परिजनों के साथ लगे हुए है. मक्के के पौधों में बालिया निकल रही है. ऐसे में तपती गर्मी की वजह से नमी कम होने के कारण पौधें पीले पड़ने लगे थे.

बारिश होने से जहां पौधों की रौनक बदल गयी

वहीं, मौसम के मेहरबान होने से खेतो में पर्याप्त मात्रा में नमी बरकरार हो गयी है. बारिश होने से जहां पौधों की रौनक बदल गयी. वही हरियाली छाने से किसानों में भी बेहतर उत्पादन की आस जगी है. इधर बारिश के अभाव में धान के पौधों की भी बृद्धि रुक गयी थी. मगर अब खेतों में पानी लगने से तेजी से वृद्धि होने की बात किसानों द्वारा बतायी जा रही है.

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