पटना. मंदिरी नाले का अधूरा निर्माण उसकी उड़ाही व सफाई में बाधक बन गया है. 1.24 किमी लंबे नाले में केवल 70 मीटर लंबे कंक्रीट के नाले की अधूरी संरचना बना कर छोड़ दी गयी है. पूरे प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य का यह केवल सात फीसदी है. लेकिन नाले के शुरुआती भाग में ही स्थित होने के कारण इसके कारण न तो नाले की ठीक से उड़ाही हो पायी है और न ही इससे पानी सहजतापूर्वक बह कर आगे जायेगा. इस नाले से होकर वार्ड 24, 25 और 26 के अधिकतर क्षेत्रों का पानी बहता है, जिनमें मंदिरी, किदवईपुरी, श्रीकृष्णनगर, अदालतगंज, चीनाकोठी और लोदीपुर समेत लगभग एक दर्जन मोहल्ले शामिल हैं. मंदिरी नाले का बहाव बाधित होने से तेज मॉनसून की बारिश शुरू होने के बाद इन मोहल्ले के पानी को निकलने में समस्या आयेगी और ये पूरा क्षेत्र जलजमाव ग्रस्त हो सकता है जिससे लगभग 50 हजार की आबादी प्रभावित होगी.
नाले की उड़ाही की पड़ताल करने गयी प्रभात खबर की टीम को निर्माणाधीन कंक्रीट की लगभग 70 मीटर लंबी नालेनुमा संरचना में कीचड़ की लगभग एक फीट मोटी परत दिखी. नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि उड़ाही से पहले तो गाद से यह निर्माणाधीन नाला पूरी तरह भर गया था जिसे साफ करने के बाद यह वर्तमान स्थिति में दिख रहा है. चूंकि पानी का फ्लो कम है, इसलिए कीचड़ की परत बैठ जा रही है.
मंदिरी नाले का एक बड़ा क्षेत्र ऐसा है, जहां किनारे की दीवार ढह गयी है. इससे किनारे की मिट्टी ढहने के कगार पर है और पानी का दबाव आने पर यह ढह कर नाले में गिर सकता है. ऐसे में नाले का प्रवाह प्रभावित होगा.
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90 करोड़ रुपये खर्च कर मंदिरी नाले के ऊपर 10 से 12 मीटर चौड़ी सड़क बननी है. इसके लिए फरवरी में टेंडर हुआ. मार्च में टेंडर डालने की अवधि खत्म होने के लगभग एक महीने बाद भी इसे खोला नहीं गया है. इसके खुलने और एलॉट होने के बाद यहां निर्माण पूरा हाेने में एक वर्ष का समय लगेगा. इस प्रकार यदि इसे जल्द भी खोला जायेगा, तो अगले साल जून से पहले इसका निर्माण पूरा होने की संभावना नहीं है. तब तक नाले से जलनिकासी की समस्या अधूरी संरचना के कारण बनी रहेगी.