बरसात के आगमन के साथ ही तेज आंधी-पानी के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है. यूं तो आंधी-पानी के साथ बिजली का चमकना और गिरना आम बात है, लेकिन कभी-कभी यह बिजली जानलेवा व घातक भी साबित हो जाती है. बिहार में ठनके की चपेट में आने से कई लोगों की मौत हो चुकी है. रविवार को प्रदेश में ठनके की चपेट में आने से छह लोगों की मौत हो गयी. इनमें सुपौल में दो और बक्सर, जमुई, बिहटा व गया में एक-एक व्यक्ति की मौत की सूचना है. सुपौल में दो लोग घायल भी हुए हैं.
इधर, वज्रपात से हुई मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मर्माहत हैं. उन्होंने रविवार को प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने सभी मृतक के परिजनों को तत्काल चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिये हैं. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें. खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये सुझावों का अनुपालन करें. खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें.
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यह इंसान के सिर, कंधे और गले पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है.
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इससे किसी के दिल की धड़कन रूक सकती है या फिर उनके अंदरूनी अंग जल सकते हैं.
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जिन लोगों पर बिजली गिरती है उनके शरीर पर”” लाइट¨नग ट्री”” या ””लाइट¨नग फ्लावर”” नामक आकृति बन जाती है.
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यह खून ले जाने वाली छोटी-छोटी वाहिनियों के फूटने से बनती है.
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बादल गरजने के समय घर के अंदर ही रहें.
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बिजली से चलने वाली चीजें मसलन मोबाइल, रेडिएटर, इनवर्टर जैसी चीजों से दूरी बनाकर रखें.
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पेड़ के नीचे या खुले मैदान में न जाएं.
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अगर खुले मैदान में हैं तो किसी मकान के पास चले जाएं.
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पानी में हों तो किनारे पर पहुंचे.
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बिजली गिरने पर किसी बड़ी इमारत या कार में शरण