पश्चिमी विक्षोभ ने पूरे बिहार को अपनी जद में ले रखा है. आगामी 24 घंटे में बिहार में बारिश के आसार लगातार बने हुए हैं. प्रदेश के पूर्वी हिस्सों मसलन भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया में कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अलर्ट है. इसके अलावा शेष बिहार में सामान्य से मध्यम बारिश होती रहेगी. इस दौरान ठनका की पूरी आशंका जतायी गयी है. हालांकि अब ओला वृष्टि की आशंका काफी हद तक कमजोर हुई है. इसके बाद भी प्रदेश के किसानों की जान सांसत में हैं.
सोमवार को प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में लाइटनिंग के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चलने का पूर्वानुमान है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार की शाम से अनुमान है कि पछुआ हवा चलने लगे. इससे मौसम साफ हो सकता है. आइएमडी के ट्विटर हैंडल पर किसानों ने खराब फसल भी साझा की है. विशेष रूप से वैशाली और मुजफ्फरपुर में ओला वृष्टि हुई है.
प्रदेश में कई जगह मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गयी है. गोपालगंज में सबसे अधिक 82.2 मिलीमीटर और मधेपुरा में सिंघेश्वर में 60.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है. गोपालगंज में इस सीजन की अब तक की सर्वाधिक बारिश बतायी गयी है. इसके अलावा में वैशाली में कई जगहों पर 40 मिलीमीटर से अधिक, नालंदा में 38.8 , बेगूसराय में 35.4 , मुजफ्फरपुर में चार स्थानों पर 30 से 35 मिलीमीटर के बीच बारिश हुई.
प्रदेश में औसतन शनिवार से शुक्रवार के बीच 7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है. आइएमडी की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक प्रदेश के तीस जिलों में झमाझम बारिश हुई है. जिन आठ जिलों में बारिश नहीं हुई, उनमें सहरसा, भागलपुर, कटिहार , गया, बक्सर, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद और कैमूर में पानी की एक बूंद भी नहीं बरसती है.
उल्लेखनीय है कि बिहार में इस साल शीतकालीन बारिश केवल एक मिलीमीटर दर्ज की गयी थी. इसकी तुलना में मार्च के एक ही दिन में ही सात मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है. यह सामान्य से 59 प्रतिशत अधिक है. बारिश की वजह से पूरे प्रदेश में विशेष रूप से दिन के तापमान में पिछले 36 घंटे में आठ से 12 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी है. वहीं न्यूनतम तापमान में औसतन चार से पांच डिग्री तापमान की कमी दर्ज की गयी है. फिलहाल प्रदेश का अधिकतम तापमान वाल्मीकि नगर में 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सोमवार को मोतिहारी में 16.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है.
प्रदेश में शनिवार देर रात व रविवार को हुई बेमौसम तेज आंधी-बारिश से गेहूं-दलहनी फसल समेत आम को काफी नुकसान हुआ है. वहीं मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर में लीची की फसल पर इसका सीधा असर पड़ा है. सरकार की ओर से क्षति की रिपोर्ट मंगयी जा रही है. वहीं किसानों का कहना है कि गेहूं-दलहनी समेत आम व लीची की फसल को मिलाकर करोड़ों रुपये की फसल का नुकसान हुआ है.
बता दें कि खेतों में गेहूं की फसल तैयार हो गयी है. फसलों में दाने भी आ चुके हैं. दानेदार पौधों को बारिश से काफी नुकसान होगा. वहीं सरसों, अरहर, मसूर, खेसारी की फसल की कटाई हो चुकी है. अधिकांश जगहों पर काटी गयी फसल खेतों में ही पड़ी है. खेतों में पड़ी इन दलहनी फसलों के सड़ने की आशंका किसानों को चिंतित करने लगी है. फसलों के सड़ने से उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा.