पटना. एक ही समय दो स्थानों पर 39 साल पहले सरकारी नौकरी ज्वाइन कर 15 साल तक सैलरी उठाने वाले कर्मी का मामला सामने आया है. अब इन पर करीब 17 साल बाद मुकदमा चलाने का आदेश राज्य सरकार ने जारी किया गया है. यह मामला गया स्थित मगध अभियंत्रण महाविद्यालय में तैनात गणित विषय के सहायक प्राध्यापक प्रो. भूषण शर्मा से जुड़ा हुआ है.
बिहार-झारखंड जब संयुक्त रूप से था, तब उन्होंने बिहार राज्य खाद्य निगम में सहायक गोदाम प्रबंधक के पद पर गुमला (वर्तमान झारखंड) में मई 1982 से नवंबर 1986 तक नौकरी की. ठीक इसी समयावधि में उन्होंने मगध अभियंत्रण महाविद्यालय में भी बतौर गणित के सहायक प्राध्यापक के पद पर भी नौकरी ज्वाइन की और दोनों स्थानों से एक साथ वेतन उठाया.
इसके बाद गुमला से इनका तबादला सिंदरी हो गया. यहां भी कुछ वर्षों तक नौकरी की और वेतन उठाते रहे. परंतु बिहार-झारखंड का बंटवारा होने से कुछ वर्ष पहले यानी करीब 15 साल नौकरी करने के बाद उन्होंने पहली वाली यानी सहायक गोदाम प्रबंधक की नौकरी छोड़ दी.
इसके साथ ही वे पूरी तरह से मगध अभियंत्रण महाविद्यालय से जुड़े गये और उनकी सेवा राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से जुड़ गयी. परंतु 2004 में विभागीय जांच के दौरान उनकी यह धांधली सामने आ गयी और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. तब से वे अब तक निलंबित ही चल रहे हैं. अब राज्य सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश जारी कर दिया है.
प्रो. भूषण शर्मा से जुड़े पूरे मामले और उनके पूरे सेवाकाल की समुचित समीक्षा विधि विभाग के स्तर से करने के बाद उन्हें गलत तरीके से दो पदों पर नौकरी कर वेतन समेत सभी लाभ उठाने का दोषी पाया गया. इसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश सरकार के स्तर से जारी कर दिया गया है.
करीब 39 साल पहले उन्होंने गलत तरीके से दो स्थानों पर नौकरी ज्वाइन कर ली और करीब 15 साल नौकरी कर दोनों स्थानों से सैलरी समेत अन्य सभी लाभ प्राप्त किये. इनके निलंबन के 17 साल बाद इनके खिलाफ मुकदमा चलाने की स्वीकृति दी गयी है. इस मामले से सभी पहलुओं का गहन मंथन करने के बाद सरकार के स्तर से यह निर्णय लिया गया है.
Posted by Ashish Jha