IMD News: ज्यादा बारिश की ‘रेस’ में राजस्थान हुआ यूपी से आगे, बिहार और झारखंड में भी अजब आंकड़े हुए दर्ज

राजस्थान में अब तक मानसून सामान्य से 42 फीसदी अधिक रहा है. इस रेगिस्तानी राज्य में सामान्य से 384.1 मिमी की तुलना में 545.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है. राजस्थान के 33 जिलों में से 22 जनपदों ने अधिक (एलपीए से कम से कम 60 प्रतिशत अधिक) की सूचना दी है. अब जरा यूपी और राजस्थान की तुलना की जाए.

By Prabhat Khabar News Desk | September 4, 2022 12:42 PM

India Weather News: उत्तर प्रदेश और राजस्थान मौसम के मामले में एक-दूजे से बिल्कुल उलट हैं. मगर वर्तमान में मानसून का अध्ययन करने पर पता चलता है कि दोनों ही राज्य अपनी पहचान के विपरीत बारिश के आंकड़े दर्ज कर रहे हैं. आलम यह है कि शुष्क राज्यों में शुमार राजस्थान ने यूपी से 60 प्रतिशत अधिक बारिश की उपलब्धि दर्ज की है. बरसात के मामले में इस बार बिहार और झारखंड ने भी कुछ अलग आंकड़े दर्ज किए हैं. यह बारिश 1 जून से 3 सितंबर के मध्य दर्ज की गई है.

आश्चर्यजनक आंकड़े दर्ज किए

राजस्थान में अब तक मानसून सामान्य से 42 फीसदी अधिक रहा है. इस रेगिस्तानी राज्य में सामान्य से 384.1 मिमी की तुलना में 545.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है. राजस्थान के 33 जिलों में से 22 जनपदों ने अधिक (एलपीए से कम से कम 60 प्रतिशत अधिक) की सूचना दी है. अब जरा यूपी और राजस्थान की तुलना की जाए. आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में मानसून के मौसम के दौरान अब तक 545.6 मिमी बारिश हुई थी. वहीं, उत्तर प्रदेश में 614 मिमी के सामान्य के मुकाबले सिर्फ 343.5 मिमी दर्ज की गई है. उत्तर प्रदेश के कुछ 87 प्रतिशत जिलों में यानी 75 में से 65 जनपदों में कम वर्षा दर्ज की गई है. इनमें से 18 जिलों में बारिश नाम मात्र की दर्ज की गई है. इसमें सामान्य से 40 प्रतिशत से कम बारिश हुई है. आईएमडी के अनुसार, इस साल के मानसून में दोनों ही राज्यों ने आश्चर्यजनक आंकड़े दर्ज किए हैं.

राजस्थान को इसका लाभ मिला 

मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने मीडिया से कहा कि इस साल के मानसून में दो अजीब रुझान देखे गए हैं. आमतौर पर बंगाल की खाड़ी से आने वाला मानसून एक पैटर्न पर समान मार्ग पर चलता है. ओडिशा से आगे बढ़ते हुए राजस्थान को पार करने से पहले छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को सराबोर करते हुए आगे बढ़ता है. निम्न दबाव के चलते मध्य भारत और आस-पास के क्षेत्रों में मानसूनी बारिश अच्छी होती है. आमतौर पर कुछ उत्तर की ओर बढ़ते हैं. इससे गंगा नदी से सटे क्षेत्रों में बारिश होती है लेकिन पिछले दो महीनों में ऐसा नहीं देखा गया. हालांकि, अगस्त माह के अंत में गंगा नदी के क्षेत्रों में भी बारिश दर्ज की गई. इससे झारखंड काफी प्रभावित हुआ. यूपी और बिहार में भी बारिश में गिरावट हुई. अंततः मानसून दक्षिण पाकिस्तान में चला गया. ऐसे में जाहिर है कि राजस्थान को इसका लाभ तो मिलना ही था. इस वजह से इस क्षेत्र में भारी बारिश दर्ज की गई.

दो कारणों से राजस्थान हुआ सराबोर

उन्होंने आगे कहा कि गंगा के मैदानी इलाकों में कम वर्षा के पीछे दूसरा कारण मॉनसून ट्रफ भी है. इन दो कारणों ने उत्तर भारत में वर्षा के पैटर्न को ही काफी प्रभावित किया है. सभी गंगा के राज्यों में मानसून की बड़ी कमी हो गई है. देश में अब तक मानसून सामान्य से 5 फीसदी अधिक रहा है. यूपी के अलावा बिहार में मानसून की कमी 37 प्रतिशत, गंगीय पश्चिम बंगाल में 29 फीसदी और झारखंड में 26 परसेंट है. बिहार में सामान्य रूप से राजस्थान की तुलना में दोगुनी औसत वर्षा होती है. मगर इस बार बिहार में पश्चिमी राज्य की तुलना में कम बारिश दर्ज की गई है, जो 3 सितंबर तक कुल 503.7 मिमी है.

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