एम्बुलेंस कंट्रोवर्सी मामले में Pappu Yadav की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, छपरा में FIR दर्ज
Bihar Coronavirus Update: जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. यह प्राथमिकी पंचायत एंबुलेंस संचालक समन्वयक राजन सिंह ने दर्ज करायी है. इसमें पप्पू यादव पर आरोप लगाया गया है कि वह शुक्रवार को विश्वप्रभा समुदायिक केंद्र पर बिना अनुमति के और लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए पहुंचे और वहां सुरक्षित रखे गये सरकारी एंबुलेंसों को क्षतिग्रस्त किया. साथ ही उन्होंने संचालक से फिरौती भी मांगी.
जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. यह प्राथमिकी पंचायत एंबुलेंस संचालक समन्वयक राजन सिंह ने दर्ज करायी है. इसमें पप्पू यादव पर आरोप लगाया गया है कि वह शुक्रवार को विश्वप्रभा समुदायिक केंद्र पर बिना अनुमति के और लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए पहुंचे और वहां सुरक्षित रखे गये सरकारी एंबुलेंसों को क्षतिग्रस्त किया. साथ ही उन्होंने संचालक से फिरौती भी मांगी.
इसकी सूचना पर मढ़ौरा के डीएसपी इंद्रजीत बैठा और अमनौर के थानाध्यक्ष सुजीत कुमार चौधरी ने पुलिस बल के साथ विश्वप्रभा सामुदायिक केंद्र पहुंच कर घटना की जानकारी ली. उन्होंने मौके पर सुरक्षा गार्डों व अन्य लोगों से पूछताछ की. वहीं, क्षतिग्रस्त एंबुलेंसों का जायजा लिया. पंचायत एंबुलेंस संचालक समन्वयक राजन सिंह ने प्राथमिकी में कहा है कि शुक्रवार को जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव अपने 40-50 समर्थकों के साथ लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए बिना अनुमति के जबरन विश्वप्रभा सामुदायिक केंद्र के अंदर पहुंचे और परिसर में सुरक्षित रखे गये सांसद मद के सरकारी पंचायत एंबुलेंसों को क्षतिग्रस्त किया गया.
मौके पर मौजूद सुरक्षा गार्ड के रोके जाने पर पूर्व सांसद ने धक्का-मुक्की कर हथियार का भय दिखा कर रंगदारी व जान से मारने की धमकी दी. वहीं, राजन सिंह के साथ भी धक्का-मुक्की होने के कारण चोटें आने की बात कही गयी है.
मालूम हो कि शुक्रवार को जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने विश्वप्रभा सामुदायिक केंद्र पर रखे गये दर्जनों एंबुलेंस पर सवाल उठाते हुए सरकार व स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी पर आरोप लगाया था कि कोरोना काल में एमपीएलएडीएस के तहत दर्जनों एंबुलेंस यहां क्यों खड़े हैं, यह जांच का विषय है. इस मामले में सिविल सर्जन पर मुकदमा चलने की बात कही थी.
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चालकों की कमी से कुछ पंचायतों ने लौटाया था एंबुलेंस- इधर पंचायत एंबुलेंस संचालन समिति के लोगों ने बताया कि एमपीएलएडीएस के तहत एंबुलेंस संचालन के लिए डीडीसी, असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सारण सहित नौ सदस्यी कमेटी बनायी गयी है, जो विभिन्न पंचायतों में एग्रीमेंट के आधार पर एंबुलेंस का संचालन करती है. आज भी 50 से ज्यादा एंबुलेंस लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं में लगे हैं. कोरोना काल को देखते हुए कुछ पंचायतों ने चालक की कमी के कारण एंबुलेंस लौट दिया था. वहीं एंबुलेंस वहां सुरक्षित खड़े थे.
Posted by : Avinish Kumar Mishra