बिहार के 2 पर्यटन स्थलों को मिला बेस्ट हेरिटेज सिटी अवार्ड,इंजीनियरिंग का नायाब नमूना और प्राचीन भारत की धरोहर
बिहार की ओर से पर्यटन विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने यह अवार्ड केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के हाथों से लिया. बिहार के प्राचीन नगर राजगीर और नालंदा देश-विदेश के पर्यटकों को खूब लुभाते हैं.
बिहार के दो महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पर्यटन स्थल राजगीर और नालंदा को भारत सरकार ने बेस्ट हेरिटेज अवार्ड से नवाजा है. बिहार की ओर से पर्यटन विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने यह अवार्ड केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के हाथों से लिया. बिहार के प्राचीन नगर राजगीर और नालंदा देश-विदेश के पर्यटकों को खूब लुभाते हैं.
इंजीनियरिग का नायाब नमूना साइक्लोपियन वाल
राजगीर की साइक्लोपियन वाल दुनिया की नजरों से ओझल ढाई हजार साल पुरानी इंजीनियरिग का नायाब नमूना है. यह दीवार राजगीर की पंच पहाड़ियों को जोड़ती है. मगध साम्राज्य की सुरक्षा प्राचीर अब सायक्लोपियन वाल के नाम से जानी जाती है. यह दीवार इतनी पुरानी है कि इसे विश्व धरोहर में शामिल किए जाने की मुहिम भी शुरू हो चुकी है. दीवार को मजबूत करने के लिए अंतराल पर गढ़ बनाए गए थे. पाली ग्रंथों के अनुसार किलाबन्द शहर में प्रवेश करने के लिए 32 बड़े द्वार और 64 छोटे थे. रत्नागिरी पहाड़ी के साथ चल रही इस प्राचीन विशाल दीवार का काफी हिस्सा अभी भी वहां है, जो पहाड़ी के आधार से ढाल की ओर शुरू होता है.
प्राचीन भारत की धरोहर नालंदा विश्वविद्यालय
वहीं ,नालंदा विश्वविद्यालय जो कि यूनेस्किो की विश्व धरोहर की सूची में शामिल है को भी देखने देश-विदेश के पर्यटक आते हैं. नालंदा यूनिवर्सिटी प्राचीन भारत की एक धरोहर है जिसे जहांगीर खिलजी ने जला डाला था. जिस वजह से यह विश्वविद्यालय एक खंडहर में तब्दील हो गया था. लेकिन अब नालंदा विश्वविद्यालय का एक बार फिर से निर्माण हो रहा है और अब यह एक बार फिर से अपने पुराने रंग में आ जाएगा. नालंदा विश्वविद्यालय ने भारत को कई विद्वान दिए हैं. इन्हीं सब विशेषताओं को देखते हुए हेरिटेज सिटी अवार्ड के लिए चयन किया गया है.