राजगीर महोत्सव 30 नवंबर से होगा शुरू, जावेद अली-विशाल भारद्वाज सजाएंगे सुरों की महफिल, जानें और क्या होगा खास

राजाओं की राजधानी राजगीर में 30 नवंबर से होने वाले तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव के दौरान कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. कई तरह के मेले और स्टॉल लगेंगे. इस तीन दिवसीय महोत्सव में और भी बहुत कुछ खास होगा.

By Anand Shekhar | November 28, 2023 7:11 PM
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Rajgir Mahotsava: 30 नवम्बर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव की तैयारी युद्ध स्तर पर की जा रही है. दो दिसम्बर आयोजित होने वाले इस समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 30 नवंबर को करेंगे. इस बार इस महोत्सव में जावेद अली, ऐश्वर्या निगम समेत कई कलाकार भाग ले रहे हैं. महोत्सव स्थल पर हैंगर, रंगमंच और ग्राम श्री मेला में पुस्तक मेला, कृषि मेला, व्यंजन मेला, उद्योग मेला सहित अन्य योजनाओं के लिए स्टॉल भी होगा जिसका निर्माण तेज गति से किया जा रहा है.

हर साल होता है राजगीर महोत्सव

आदिकाल से प्राकृतिक संस्कृत और पुरातात्विक उत्कृष्ट के लिए विश्व विख्यात शहर राजगीर पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है देश दुनिया के सैलानी सांस्कृतिक और विरासत यात्रा पूरी करने के लिए यहां आते हैं. राजगीर में प्रत्येक साल पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के सौजन्य से तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव और सात दिवसीय ग्राम श्री मेला का अद्भुत आयोजन किया जाता है. इस आयोजन को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पूरी ताकत झोंक दी गई है महोत्सव के सभी कार्यक्रमों का मॉनिटरिंग डीएम शशांक शुभंकर द्वारा खुद किया जा रहा है.

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बाॅलीवुड कलाकार राजगीर महोत्सव में सजायेंगे सूरों की महफिल

राजगीर महोत्सव का मुख्य उद्देश्य राजगीर और नालंदा की संस्कृति, विरासत और पर्यटन को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करना है. इस दौरान कई विख्यात कलाकारों के साथ ही स्थानीय कलकरों की प्रस्तुति भी होती है. इस बार महोत्सव के लिए पर्यटन विभाग द्वारा कलाकारों का चयन कर लिया गया है. महोत्सव के पहले दिन हिंदी फिल्मों के पार्श्व गायक ऐश्वर्य निगम और लोक गायिका दीपाली सहाय महफिल सजायेंगी. वहीं, बॉलीवुड के मशहूर प्ले बैक सिंगर जावेद अली एक दिसंबर को श्रोताओं को गुदगुदायेंगे. महोत्सव के अंतिम दिन बाॅलीवुड के प्रसिद्ध संगीतकार, गीतकार विशाल भारद्वाज अपने गायकी का जादू दर्शकों पर चलायेंगे. इसके अलावा महोत्सव के रंगमंच पर स्थानीय कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा बिखेरने का अवसर प्रदान किया जायेगा.

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अनेकों प्रतियोगिताओं का हो रहा आयोजन

इस महोत्सव के दौरान अनेकों प्रतियोगिताओं का आयोजन जिला प्रशासन की ओर से किया जा रहा है. प्रतियोगिता जितने के लिए केवल राजगीर ही नहीं, बल्कि जिला तैयारी में जुट गया है. शहर में हर ओर महोत्सव और प्रतियोगिता की तैयारी की चर्चा हो रही है. प्रतिभागियों के हौसले बुलंद हैं. हर कोई अवार्ड अपने नाम करने की तैयारी कर रहे हैं. मामला महिला महोत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों की हो या भवन सजावट, तांगा सजावट, पालकी सजावट, पेंटिंग, रंगोली, एथेलेटिक्स सहित अन्य प्रतियोगिताओं की. सभी प्रतियोगिताओं की तैयारी दमखम से की जा रही है.

विभिन्न राज्यों के पहलवान दंगल में लेंगे हिस्सा

राजगीर के मशहूर दंगल प्रतियोगिता में जिले और बिहार के अलावे झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा आदि के पहलवान हिस्सा लेंगे. उन्हें बुलाने के लिए न्योता भेज दिया गया है. दंगल की खासियत है कि पुरुषों की तरह महिला पहलवानों का भी दंगल आयोजित किया जायेगा.

नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन

सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ नुक्कड़ नाटक किया जायेगा. योगा प्रतियोगिता में चक्रपाणि रेसिडेंसियल स्कूल के बच्चों के अलावे दर्जनों स्कूल के छात्र- छात्राएं पुरस्कार अपने नाम करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. पेंटिंग और रंगोली आदि प्रतियोगिताओं की तैयारी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय सहित जिले के दर्जनों स्कूलों द्वारा तैयारी की जा रही है.

प्रतियोगिता को जीतने के लिए चल रही जोरों की तैयारी

राजगीर शहर और आसपास के इलाके के स्कूल, कॉलेज के लड़के और लड़कियां सभी प्रतियोगिता को जीतने के लिए एड़ी चोटी की तैयारी कर रहे हैं. शहर के सरकारी और गैर सरकारी भवनों के अलावे होटलों को सजाने की तैयारी आरंभ हो गयी है. भवन सजावट प्रतियोगिता के प्रतिभागी अवार्ड अपने नाम करने के लिए जोर शोर से आकर्षक सजावट में जुट गये हैं.

पालकी और तांगा सजावट की पुरानी परंपरा

महोत्सव के मौके पर पालकी और तांगा सजावट की पुरानी परंपरा है. डोली यूनियन से जुड़े लोग अपनी अपनी पालकी सजाने और पुरस्कार अपने जिम में करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. हर डोली वाले चाहते हैं कि जिला प्रशासन द्वारा दिया गया. अवार्ड उनके पालकी में आये. दूसरी तरफ तांगे वाले भी उनसे आगे निकलने की तैयारी कर नंबर वन बनने के लिए पूरी जोर लगा रहे हैं. अवार्ड में कितनी राशि मिलेगी यह मायने नहीं रखती है. मायने अवार्ड जीतने की है. तरह-तरह ओरिजिनल फूलों से तांगों को सजाने और संवारने की तैयारी तांगा स्वामी द्वारा किया गया है.

सजावट के प्रथम तीन विजेताओं को दिया जाएगा पुरस्कार

सरकारी भवनों को सजाने का काम आरंभ हो गया है. सर्वश्रेष्ठ दिखाने की तैयारी पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है. गैर सरकारी भवनों के साथ होटलों की भी सजावट की तैयारी होटल संचालकों द्वारा किया गया है. सभी तरह के सजावट के प्रथम तीन विजेताओं को पुरस्कार देने की घोषणा जिला प्रशासन द्वारा किया गया है. पेंटिंग, रंगोली, कबड्डी, चम्मच दौड़, कुर्सी रेस, एथेलेटिक्स आदि की तैयारी कराई जा रही है. महिला महोत्सव में महिलाओं द्वारा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया जायेगा.

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दो दिवसीय महिला महोत्सव का भी होगा आयोजन

महोत्सव के मौके पर अलग से दो दिवसीय महिला महोत्सव का आयोजन किया जायेगा. इसकी तैयारी विभागीय स्तर से लेकर शहर के आम और खास महिलाओं द्वारा की जा रही है. एक और दो दिसंबर को होने वाले महिला महोत्सव का आयोजन गौरक्षणी के समीप सर्कस मैदान में आयोजित किया जायेगा. कार्यक्रम की संयोजिका सामाजिक सुरक्षा कोषांग की सहायक निदेशक गायत्री कुमारी ने बताया कि इस बार का महिला महोत्सव यादगार होगा. उन्होंने बताया कि इस अवसर पर अनेकों कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा.

स्कूल-काॅलेज की छात्राएं भी महिला महोत्सव में होंगी शामिल

गायत्री कुमारी ने बताया कि स्कूल-काॅलेज की छात्राओं को महोत्सव में शामिल होने के लिए डीइओ द्वारा पत्राचार किया गया है. एक दिसम्बर को रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन होना है. इस प्रतियोगिता में सरकारी और निजी विद्यालयों के आठवीं से 12 वीं वर्ग की छात्राओं को शामिल होने की अनुमति है. पेंटिंग प्रतियोगिता भी एक दिसम्बर को ही होना तय है. इस प्रतियोगिता में भी सरकारी और निजी विद्यालयों के आठवीं से 12वीं वर्ग तक की छात्राएं शामिल हो सकेंगी. क्वीज और मेंहदी प्रतियोगिता में भी सरकारी और निजी विद्यालयों के आठवीं से 12 वीं वर्ग की छात्राएं शामिल होंगी. स्पून रेस में कोई भी छात्राएं और महिलाएं शामिल हो सकती हैं. इस प्रतियोगिता में कोई बंधन नहीं है.

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फैशन शो का भी होगा आयोजन

महिला महोत्सव के दूसरे दिन दो दिसंबर को फैशन शो प्रतियोगिता का आयोजन सर्कस ग्राउंड में ही किया जायेगा. इस प्रतियोगिता में सरकारी और निजी विद्यालयों की इंटरमीडिएट और स्नातक स्तर की छात्राओं को शामिल होने की अनुमति प्रदान की जायेगी. इस प्रतियोगिता में प्लस टू स्कूल और काॅलेज से दो छात्राएं शामिल होंगी, जिनमें एक अंतरराज्यीय पारंपरिक पोशाक और एक विभिन्न सांस्कृतिक नृत्य के लिए साथ लाना है इसी दिन अंताक्षरी और म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जायेगा. इस आयोजन में विभिन्न प्रतियोगिताओं की प्रतिभागी छात्राओं के अलावा महिलाएं भी शामिल होंगी.

37 साल से चला आ रहा राजगीर महोत्सव

37 साल पुराने राजगीर महोत्सव में बिहार खासकर मगध की समृद्ध संस्कृति और विरासत का जश्न मनाया जाता है. इस महोत्सव में पहले शास्त्रीय संगीत, नृत्य और अन्य कला रूपों का एक अच्छा मिश्रण होता था. इस आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य बिहार, मगध और राजगीर की संस्कृति के सार को जीवित रखना है. इसके माध्यम से यहां की विरासत, संस्कृति और पर्यटन को वैश्विक पहचान दिलाने का मुख्य उद्देश्य है. इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में पहले देश के अलग -अलग हिस्सों से कलाकार विभिन्न नृत्य रूपों का प्रदर्शन और प्रदर्शन करते थे. उन्हीं सब कारकों के कारण यह महोत्सव स्थानीय कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए एक उत्कृष्ट आयोजन बनते रहा है.

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राजगीर महोत्सव के मौके पर इन नामों से बनेगा तोरण द्वार

वसुमतिपुर द्वार, वृहद्रथपुर द्वार, कुशाग्रपुर द्वार, गिरिब्रज द्वार, राजगृह द्वार, सम्राट वसु द्वार, सम्राट वृहद्रथ द्वार, सम्राट जरासंध द्वार, सम्राट बिंबिसार द्वार, सम्राट अजातशत्रु द्वार, सम्राट चंद्रगुप्त द्वार, सम्राट अशोक द्वार, सम्राट हर्षवर्धन द्वार, आचार्य चाणक्य द्वार, आचार्य शीलभद्र द्वार, आचार्य धर्मपाल द्वार, आचार्य चंद्रपाल द्वार, आचार्य नागार्जुन द्वार, आचार्य ज्ञानचंद्र द्वार, आचार्य प्रभामित्र द्वार, आचार्य आर्यभट्ट द्वार, आचार्य शांतिरक्षित द्वार, आचार्य पद्मसंभव द्वार आचार्य ह्वेनसांग द्वार, वैद्य जीवक द्वार, आम्रपाली द्वार, ज्ञानपीठ नालंदा द्वार, विक्रमशिला द्वार, उदंतपूरी द्वार, सारीपुत द्वार, महामोग्लान द्वार, गौतम बुद्ध द्वार, तीर्थंकर महावीर स्वामी द्वार, मुनि सुब्रतनाथ द्वार, श्री गुरु गोविंद सिंह द्वार, नालंदा द्वार, वेणुवन द्वार, लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल द्वार, देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वार, बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह द्वार, लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वार, चंद्रयान द्वार.

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