पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बृहस्पतिवार को बिहार से दो राज्यसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की और दोनों ही उम्मीदवारों ने अपने नाम की घोषणा के तुरंत बाद नामांकन दाखिल किया. राजद ने अपने इस कदम से कांग्रेस की उस मांग को नजरअंदाज कर दिया, जिसमें उसने एक सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने की इच्छा जतायी थी. राजद की ओर से दो उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने के साथ ही उन अटकलों को विराम लग गया है, जिसमें वरिष्ठ नेता शरद यादव, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और पत्रकार से राजनेता बने सैयद फैसल अली को राज्यसभा के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा था.
गौर हो कि हाल ही में कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने खुला पत्र लिखकर तेजस्वी यादव को राज्यसभा की एक सीट देने के वादे की याद दिलायी थी. वहीं, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में राज्यसभा की दो सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के विश्वस्त प्रेम चंद्र गुप्ता के अलावा अमरेंद्र धारी सिंह के नाम की घोषणा की. राजद ने पांच सीटों पर होने वाले चुनाव में से दो सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं. विपक्ष को सत्तारूढ़ एनडीए से दो सीटें अपने खाते में ले जाने की उम्मीद है.
इन्होंने दाखिल किया नामांकन पर्चा
बिहार विधानसभा के सचिव और रिटर्निंग अधिकारी बटेश्वर नाथ पांडे के मुताबिक, राज्यसभा की पांच सीटों के होने वाले चुनाव के लिए अब तक प्रेम चंद्र गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह ने ही नामांकन किया है. वहीं, एनडीए की ओर से जदयू के हरिवंश, राम नाथ ठाकुर और भाजपा की ओर से विवेक ठाकुर शुक्रवार को नामांकन के अंतिम दिन पर्चा दाखिल कर सकते हैं.
लालू के करीबी है गुप्ता, सिंह हैं पटना के नामी उद्योगपति
राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीबी प्रेम चंद्र गुप्ता वर्तमान में पड़ोसी राज्य झारखंड से उच्च सदन के सदस्य हैं, लेकिन उनका कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है. गुप्ता संप्रग के पहले कायर्काल में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. वहीं, अमरेंद्र धारी सिंह पटना के नामी उद्योगपति हैं और उनकी उम्मीदवारी ने कई लोगों को अचरज में डाल दिया है. सिंह की उम्मीदवारी को आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में सवर्ण वोटों को हासिल करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है.
लालू के लाल ‘तेज’ का दांव
लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से कहा कि गुप्ता (वैश्य) और सिंह (भूमिहार) को उम्मीदवार बनाकर पार्टी ने ”उन लोगों को करारा जवाब दिया है जोकि राजद को एमवाई (मुस्लिम-यादव) तक सीमित करने का आरोप लगाते हैं.” हालांकि, तेजस्वी ने दावा किया कि ऐसा करने का मतलब पिछड़ों, दलितों के सामाजिक न्याय उत्थान की नीति से समझौता करना नहीं है.