Rajasabha Election 2024: बिहार की 6 राज्यसभा सीटों के लिए 27 फरवरी को हो रहे द्विवार्षिक चुनाव के लिए आठ फरवरी से नामांकन आरंभ हो जायेगा. इस बार भाजपा को एक सीट का लाभ होगा. जबकि जदयू को एक सीट का नुकसान उठाना होगा. राजद की दोनों सीटें बरकरार रह जायेंगी. वहीं कांग्रेस की अपनी एक सीट बचाने के वास्ते विपक्षी दलों के आगे चिरौरी करनी होगी. रही बात उम्मीदवारों की तो अब तक किसी भी दल ने अपना पत्ता नहीं खोला है.
भाजपा के दिग्गज सुशील मोदी को दोबारा राज्यसभा जाने का अवसर मिल सकता है. इसके बाद भी पार्टी दूसरी सीट के लिए नये उम्मीदवार की तलाश कर रही है. सूत्र बताते हैं कि पिछली बार की तरह इस बार भी भाजपा किसी नये उम्मीदवार पर दाव लगा सकती है.
विधानसभा की संख्या बल के आधार पर भाजपा दो, जदयू एक और राजद दो सीटों पर अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने में सक्षम है. लेकिन, राज्यसभा की छठी सीट पर विपक्षी दलों को साझा उम्मीदवार उतारना होगा. छठी सीट के लिए किसी भी एक दल के पास पर्याप्त वोट नहीं हैं. विधानसभा में कांग्रेस के 19, भाकपा माले सहित वाम दलों के 16 विधायक राजद के समर्थन से किसी एक साझा प्रत्याशी को जीत दिला सकने की स्थिति में हो सकते हैं. यह छठा प्रत्याशी कौन होगा यह राजद, कांग्रेस, माले व वाम दलों को तय करना है. वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह राजद के समर्थन से राज्यसभा पहुंचे थे. उनका भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है.
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जदयू में पुराने समाजवादी नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. पिछली दफा 2022 में पार्टी की झोली में एक सीट आयी थी, जिसमें उसने झारखंड के खीरू महतो को अपना उम्मीदवार बनाया था.जदयू सूत्रों के अनुसार इस बार भी चौकाने वाले उम्मीदवार हो सकते हैं. पार्टी के दो सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है.
पटना राष्ट्रीय जनता दल के खाते में राज्यसभा की दो सीटें संभावित हैं. दोनों सीटों पर मौजूदा सांसदों को ही दूसरी बार जाने का मौका मिलेगा या पार्टी नये उम्मीदवार को सामने लायेगी,यह तय नहीं हो पाया है. एक सीट अशफाक करीम की है, इस नाते एक अल्पसंख्यक उम्मीदवार को उतारे जाने की संभावना है. वहीं दूसरी सीट के लिए मौजूद सदस्य मनोज कुमार झा के अलावा कई नाम हवा में तैर रहे हैं.