मनोज झा और संजय यादव को राज्यसभा भेजे जाने पर जदयू ने गुरुवार को आरजेडी पर तंज कसा है. आरजेडी के ये दोनों नेता आज 15 फरवरी को अपना नामांकन दाखिल कर दिया. नामांकन जमा करने का आज आखिरी दिन है. इधर, तेजस्वी यादव के निजी सलाहकार रह चुके संजय यादव को राज्यसभा भेजे जाने को लेकर बिहार में एक बार सियासी हलचल तेज हो गई है. नीतीश कुमार की पार्टी भड़क गई है. उनको लालू की पार्टी के एक बागी नेता का भी समर्थन मिल गया है. गुरुवार को जदयू प्रवक्ता प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसपर सवाल भी खड़े किए हैं.
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पिता ने चलाया साला राज
बेटा ने चलाया निजी सहायक राज
बिहार के अपने समर्पित कार्यकर्ता पर भरोसा नहीं हरियाणा के राजनीतिक नस्ल पर किया भरोसा
सभी अपने बारी का इंतजार कर रहे वरिष्ठ नेता टुकुर-टुकुर देखते रह गए@RJDforIndia @laluprasadrjd @yadavtejashwi @News18Bihar @news24tvchannel pic.twitter.com/gBY6BgX5ZL— Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) February 15, 2024
नीरज कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए आरजेडी के चार वरिष्ठ नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि पार्टी ने इन्हें क्यों अवसर नहीं दी. अपने बयान में नीरज कुमार ने श्याम रजक, उदय नारायण चौधरी, अब्दुल बारी सिद्दीकी और शिवानंद तिवारी जैसे नेताओं का नाम लिया है.
नीरज कुमार ने वैसे तो इस पूरे प्रकरण को लेकर कहा कि यह तो “आरजेडी का आंतरिक मामला है, फिर भी लालू प्रसाद यादव ने राजनीति में चलाया साला राज, बेटा को मौका मिला तो चलाया निजी सहायक राज. बिहार के कार्यकर्ता पर भरोसा नहीं तो हरियाणा की राजनीतिक नस्ल पर भरोसा किया. श्याम रजक, उदय नारायण चौधरी, अब्दुल बारी सिद्दीकी, शिवानंद तिवारी जैसे नेता मुंह देखते रह गए. अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ों की बात करने वाले ने आज हरियाणा की राजनीतिक नस्ल पर भरोसा किया. निजी सहायक पर भरोसा किया. राजनीतिक कार्यकर्ता की हकमारी करना इनका डीएनए रहा है.”
बताते चलें कि संजय यादव तेजस्वी यादव के निजी सलाहकार रह चुके हैं. वे हरियाणा के रहने वाले हैं. काफी लंबे समय से आरजेडी के लिए काम कर रहे हैं. जमीन के बदले नौकरी के घोटाले में भी वो जांच के दायरे में रह चुके हैं. पहली बार आरजेडी से वह राज्यसभा जाने वाले हैं.
— Chetan Anand Singh (@ChetanAmohan) February 15, 2024