सीवान. अयोध्या से चलकर जनकपुर को जाने वाले राम जानकी पथ देवरिया से बिहार की सीमा में प्रवेश द्वार मेहरौना से सीवान तक टू लेन ही होगा. एसएच-47 को राम जानकी पथ में शामिल किये जाने के बावजूद इस मार्ग में जमीन अधिग्रहण और एलायनमेंट का कार्य समय से नहीं पूरा हो पाया है.
परिणाम यह है कि इस मार्ग के पहले फेज में ही राम-जानकी पथ दो लेन की हो जायेगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला भू-अर्जन विभाग को इस मार्ग में भूमि अधिग्रहण के लिए इसी सप्ताह पत्र सौंपा है. जबकि वैशाखी से बाइसकट्ठा तक फोर लेन के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य पिछले एक साल से चल रहा है.
चूकि दोनों सड़कों का निर्माण एक साथ ही होगा, ऐसे में जमीन अधिग्रहण में छह माह से ज्यादा का समय लगेगा और इस काम को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए. ऐसे में इस स्ट्रेच पर जमीन का पर्याप्त भू अधिग्रहण नहीं होने के कारण सड़क का दो लेन में ही बनाने की योजना है.
एसएच-47 जो अब एनएच-227-ए यानी राम-जानकी पथ का हिस्सा बन गया है. फिलहाल ज्यादा चौड़ा नहीं होने वाला इसकी चौड़ाई बमुश्किल एक मीटर तक बढ़ायी जायेगी. इस पथ में जिले के चार प्रखंडों की जमीन अधिग्रहित की जानी है. जिसमें सीवान सदर, जीरादेई, मैरवा और गुठनी शामिल हैं. देर से पत्र मिलने के कारण अधिग्रहण में देरी होगी और इसका परिणाम फोर लेन की जगह टू लेन बनाने की मजबूरी होगी.
एसएच-47 जो अब एनएच-227ए यानी रामजानकी पथ के लिए सीवान सदर, जीरादेई, मैरवा और गुठनी प्रखंडों से करीब 45 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जायेगी. ज्ञात हो कि एसएच-73 वैशाखी से मशरक में सीवान जिले की सीमा बाइसकट्ठा तक 42 राजस्व गांवों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है.
इस मार्ग को फोर लेन बनाना है. आम तौर पर फोर लेन के लिए एनएचएआइ द्वारा कुल एलायनमेंट में 45 फुट से ज्यादा जमीन अधिग्रहित की जाती है. वहीं टोल प्लाजा बनाने के लिए 90 फुट तक जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा. एनएचएआइ के राष्ट्रीय मानक के अनुसार दो लेन की चौड़ाई 18 फुट यानी फोर लेन की कुल पक्की सड़क 36 फुट होती है.
बाकी बचे 10 फिट जमीन में से चार फिट बीच में हरित पट्टी और सड़क के दोनों ओर तीन-चार फिट जमीन रिजर्व रखे जाने का प्रावधान होता है. हालांकि कम भूमि अधिग्रहण के मामले में एनएचएआइ फोर लेन की जगह टू लेन की ही सड़क बना देता है.
Posted by Ashish Jha