बिहार: कैमूर में सालों पुराना राम जानकी मंदिर, आर्थिक जुर्माना की राशि से हुआ था निर्माण कार्य, जानिए खासियत
Ram Janki Mandir: बिहार के कैमूर में सालों पुराना राम जानकी मंदिर है. यहां कई लोग पूजा करने के लिए पहुंचते हैं. लोगों की मान्यता है कि यहां उनसी सभी मनोकामना पूरी होती है. वहीं, मंदिर का इतिहास भी रोचक है.
Ram Janki Mandir: बिहार के कैमूर में सालों पुराना राम जानकी मंदिर है. यहां लोगों की भगवान में काफी आस्था है. कई लोग पूजा करने के लिए आते हैं. लोगों की मान्यता है कि यहां उनसी सभी मनोकामना पूरी हो जाएगी है. वहीं, मंदिर का इतिहास भी काफी रोचक है. लोगों के द्वारा कहा जाता है कि अंग्रेजों के जमाने में ही इस मंदिर का निर्माण हुआ था. यहां पूजा से जुड़े कार्यक्रम अक्सर हुआ करते हैं. सुबह के साथ- साथ शाम को भी यहां विधी विधान से पूजा की जाती है. लोगों का मंदिर की तरफ काफी आस्था है. मंदिर में कीर्तन के साथ अन्य कार्यक्रम भी होते है. जानकारी के अनुसार कायस्थ समाज के लोगों ने इस मंदिर के निर्माण कार्य में अपना अहम योगदान दिया था. जिले में राम जानकी का यह मंदिर भगवान प्रखंड मुख्यालय में भभुआ अधौरा सड़क से पूर्व की ओर स्थित है.
जुर्माना की राशि से मंदिर का निर्माण
राम जानकी के इस मंदिर में पूजा करने के लिए रोजाना कई लोग आते है. सुबह से लेकर शाम तक यहां पूजा की जाती है. लोगों का इस मंदिर के तरफ काफी आस्था है. यहां के लोग मंदिर में होने वाले कार्यक्रम में काफी सहयोग भी करते हैं. इस मंदिर के निर्माण के बारे में जहां कहा जाता है कि कायस्थों ने इसे बनाने में अहम योगदान दिया था. वहीं, इसे दारोगा जी मंदिर के नाम से भी जानते है. कहा जाता है कि अंगेजों के जमाने में मंदिर का निर्माण कार्य हुआ था. वहीं, एक कायस्थ व्यक्ति दारोगा के पद पर कार्यरत थे. इन्हें एक मुकदमे की कार्रवाई की जिम्मेदारी मिली थी. इसके बाद दोषी करार दिए गए व्यक्ति ने मंदिर के निर्माण के लिए जुर्माना की राशि भरी थी.
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साल 1850 में हुई थी मंदिर की स्थापना
आज भी इस मंदिर को लोग दारोगा जी मंदिर के नाम से जानते है. मान्यता के अनुसार इस मंदिर की स्थापना साल 1850 में हुई थी. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से भगवानपुर में लाल लक्ष्मी नारायण नाम के व्यक्ति आए थे. इन्हीं के परिवार के द्वारा मंदिर के निर्णाण में अहम योगदान दिया गया था. इनके बेटे सहित परिवार के अन्य लोगों की ओर से मंदिर में कई मूर्तियों की स्थापना की गई थी. इस मंदिर में भगवान शंकर, गणेश, माता पार्वती, विष्णु, सूर्य देव, नंदी की मूर्ति स्थापित है. लोगों की मान्यता है कि मंदिर में पूजा करने से उनकी सभी मान्यताएं पूरी होती है. प्रतिदिन मंदिर में भगवान को भोग लगाया जाता है. विशेष अवसर पर मंदिर में भजन- कीर्तन आदि का कार्य किया जाता है. यहां रामचरितमानस का भी पाठ किया जाता है. लोगों के अनुसार इस मंदिर में भगवान का वास है और यहां पूजा करने से ही उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है. लोग यहां पूजन करने से शांति भी महसूस करते है. कई लोग मंदिर में पूजा- अर्चना करने आते है.