Ramadan 2023 Sehri Timing : बिहार के विभिन्न शहरों में 26 मार्च को सहरी का सही वक्त कब, यहां देखें टाइम
रमजान के दौरान इफ्तार और सहरी का समय अलग-अलग शहरों में अलग-अलग होता है. रविवार को बिहार के विभिन्न शहरों में सहरी खाने का वक्त यहां देखें.
माह-ए-रमजान में अल्लाह की बेशुमार नेमत बंदों के लिए होती है. पूरा माह रहमत व बरकत से भरा है. इस माह में मोमिन की रोजी बढ़ा दी जाती है. एक नेकी के बदले इस माह में 70 गुणा सवाब मिलता है. इस माह का खास एहतराम करने की जरूरत है. उक्त बातें मदरसा अशरफिया कमालया बरहपुरा के हेड मुदर्रिस मौलाना शहबाज मिस्बाही ने कही. उन्होंने कहा कि माहे रमजान में अल्लाह अपने बंदों के करीब होते हैं. रोजेदारों को खुद अल्लाह इनाम फरमाते हैं. इस माह में ज्यादा से ज्यादा इबादत करें. अपने गुनाहों की माफी मांगे.
नसीब वालों को माहे रमजान का माह नसीब होता है
रमजान का पहला असरा रहमत का है. दूसरा असरा गुनाहों से निजात व तीसरा असार जहन्नूम से निजात का है. उन्होंने कहा कि नसीब वालों को माहे रमजान का माह नसीब होता है. इस माह का रोजा फर्ज है. हर बालिग मर्द व औरतों को रोजा रखना अनिवार्य है. इस माह में अपने गुनाहों की तौबा करें. जरूरतमंद लोगों की मदद करें.
रमजान में तराबीह की विशेष नमाज पढ़ी जाती
मौलाना शहबाज ने बताया कि इस माह में तराबीह की विशेष नमाज पढ़ी जाती है. उन्होंने बताया कि रोजादारों को इबादत से लेकर सोने में भी सवाब मिलता है. इसलिए इस माह की खास कदर करें. रमजान के दौरान इफ्तार और सहरी का समय अलग-अलग शहरों में अलग-अलग होता है. रविवार को बिहार के विभिन्न शहरों में सहरी खाने का वक्त यहां देखें.
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शहर : सहरी का टाइम
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पटना : 4 : 30
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भागलपुर : 4 : 23
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मुजफ्फरपुर : 4 : 29
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हाजीपुर : 4 : 29
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गया : 4 : 31
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दरभंगा : 4 : 26
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मधुबनी : 4 : 27
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बेगूसराय : 4 : 26
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