पटना. रविवार को रामनवमी की धूम राजधानी पटना में देखते ही बनी. राजधानी के हर चौक- चौराहे से लेकर सड़क के किनारे जगह-जगह महावीरी ध्वज लहरा रहे थे. साथ ही जय श्रीराम, जय -जय श्रीराम की उद्घोष से सुबह से देर शाम तक गूंजता रहा. कोरोना संकट के लगभग दो साल बाद रामनवमी के अवसर पर पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर में लगभग तीन लाख श्रद्धालुओं ने भगवान राम और हनुमान के दर्शन किये और प्रसाद चढ़ाये. दो बजे भोर में पट खुलने के साथ ही भक्त महावीर मंदिर में दर्शन का दौर शुरू हो गया था. इस दौरान मंदिर परिसर और मंदिर के बाहर जय श्रीराम, जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठा. राम नवमी को लेकर महावीर मंदिर और जिला प्रशासन ने सभी पुख्ता इंतजाम किये थे.
शनिवार की रात नौ बजे से पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर परिसर के बाहर श्रद्धालु कतार में लग गये थे. देखते-देखते श्रद्धालुओं की लाइन लगभग दो किलोमीटर लंबी लग गयी. यहां लाइन में महिलाओं के साथ युवाओं की अच्छी तायदाद थी. सभी लोग अपनी-अपनी मन्नत लेकर आये थे. भगवान हनुमान के दर्शन के लिए राम भक्त रविवार की देर रात तक लाइन में लगकर भगवान राम और हनुमान जी का दर्शन किया. रामनवमी के दिन अयोध्या के बाद देश में सबसे अधिक श्रद्धालु पटना के महावीर मंदिर में ही आते हैं.
भगवान हनुमान के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की दो कतारें लगवाई गई थी. एक लाइन में महिलाएं तो दूसरी लाइन में पुरुष हैं. मंदिर में प्रवेश करने के लिए एक ही द्वार बनाया गया था, जहां पहले कुछ महिलाओं को प्रवेश करवाया जाता है तो फिर कुछ पुरुषों को. फिर दर्शन करने के बाद मंदिर के पीछे के रास्ते से निकलने की सुविधा बनायी गयी थी.
दो बजते ही मंदिर में ढोल, नगाड़े और घंट -घड़ियाल बजने लगे और मंदिर में हनुमान जी का पट खुल गया. ढोल-नगाड़े और शंख ध्वनि के बीच भगवान राम और हनुमान जी की आरती हुई. आरती के बाद हनुमान जी के दोनों विग्रहों की पूजा-अर्चना हुई.
दोपहर न 12 बजते ही रामलला का प्राकट्य हुआ. आचार्य किशोर कुणाल ने रिमोट के जरिये रामलला के विशेष चित्र का अनावरण किया. आसमान से तीन ड्रोन से फूलों की वर्षा हुई. लगभग आधे घंटे तक हुई पुष्पवृष्टि से ऐसा लगा जैसे देवलोक से देवता गण भगवान राम के पृथ्वी लोक अवतरण के अवसर पर उनका नमन-अभिनन्दन कर रहे हों. महावीर मंदिर और बिहार के इतिहास में पहली बार मंदिर के ऊपर ड्रोन से पुष्पवृष्टि की गयी. इस अवसर पर पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन भी अपने सहयोगियों के साथ उपस्थित थे. भगवान राम के प्राकट्य के बाद आरती हुई.
आमदिनों में महावीर मन्दिर में प्रातः पांच बजे होनेवाली आरती में नियमित आनेवाले भक्त विशेष रूप से उपस्थित थे. जागरण आरती के बाद महावीर मंदिर से वीर कुंवर सिंह पार्क तक लंबी लाइन में लगे भक्तों के प्रसाद चढ़ाने का सिलसिला शुरू हुआ. सुबह 10 बजे महावीर मंदिर प्रांगण में पंडित जटेश झा और पं भवनाथ झा के द्वारा रामनवमी की मुख्य पूजा शुरू हुई. यजमान महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल थे. मंदिर परिसर स्थित मुख्य ध्वज, प्रथमतल पर पूर्वी-दक्षिणी भाग में शनि भगवान के निकट स्थित ध्वज और सामूहिक ध्वज स्थल स्थित ध्वज क्रमशः बदले गये. इस बार 129 भक्तों की ओर से महावीर ध्वज की रसीद कटाई गयी थी. इन भक्तों के महावीर ध्वज की भी पूजा उनके नाम, गोत्र आदि के साथ हुई.
मध्याह्न आरती के पूर्व भगवान को 108 किलो के नैवेद्यम का विशेष भोग लगा, जिसे भक्तों के बीच वितरित किया गया. इस मौके पर भगवान को अर्पित विशेष रोट प्रसाद भी निकास द्वार से निकल रहे भक्तों को दिया गया. रामनवमी के दिन रात्रि लगभग नौ बजे हवन के साथ नौ दिवसीय नवाह पाठ का विधिवत समापन हुआ.
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महावीर मंदिर के प्रवेश द्वार के निकट, वीर कुंवर सिंह पार्क तक के भक्त मार्ग और वीर कुंवर सिंह पार्क में कुल 10 नैवेद्यम काउंटर बनाये गये थे. रात्रि 12 बजे महावीर मंदिर का पट बंद होने तक लगभग 20 हजार किलो नैवेद्यम की बिक्री का आकलन किया गया है. इस दौरान लगभग 3 लाख भक्तों के महावीर मंदिर में आने का अनुमान है.
महावीर मंदिर से वीर कुंवर सिंह पार्क तक भक्तों के लिए पेयजल, शरबत आदि के इंतजाम थे. महावीर मंदिर की ओर से पंडाल, पंखे, लाइट आदि की व्यवस्था की गयी थी. वीर कुंवर सिंह पार्क में भक्तों के बैठने की व्यवस्था थी.
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि रामनवमी की पूरी व्यवस्था में महावीर मंदिर न्यास की ओर से 500 से अधिक कार्यकर्ता, स्वयंसेवक, कर्मचारी और निजी सुरक्षा कर्मी तैनात किये गये थे. महावीर मंदिर की ओर से निकास द्वार के समीप चिकित्सा शिविर लगाया गया था. महावीर मंदिर न्यास द्वारा संचालित अस्पतालों महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर वात्सल्य अस्पताल आदि के चिकित्सकों, पारा मेडिकल कर्मियों आदि को दवा और एंबुलेंस के साथ वहां तैनात किया गया था.