रामलला की प्राण प्रतिष्ठा: सड़कों पर गूंजते रहे श्रीराम के जयकारे, दीपों से रोशन हुआ गांव व शहर

ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ जब साल में दूसरी बार दीवाली और रामनवमी जैसा आयोजन हुआ. शहरी क्षेत्र सहित पूरे ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. यह पल देशवासियों के साथ-साथ जिलेवासियों के लिए भी ऐतिहासिक रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2024 6:24 PM

सीवान. अयोध्या में भगवान रामलाला की प्राण प्रतिष्ठा से पूरे देश में भक्तिमय माहौल बना रहा. अयोध्या से कोसों दूर सीवान भी राममय हो गया. यहां के लोग भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान को लेकर एक साथ दीपावाली और रामनवमी मनाया. ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ जब साल में दूसरी बार दीपावाली और रामनवमी जैसा आयोजन हुआ. शहरी क्षेत्र सहित पूरे ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. यह पल देशवासियों के साथ-साथ जिलेवासियों के लिए भी ऐतिहासिक रहा.

दिनभर मंदिर परिसरों में पूजा पाठ करते रहे लोग

पूरे वातावरण को ”राममय’ बनाने वाले उत्साही लोगों पर इस हाड़ गलाने वाली ठंड का कोई असर नहीं पड़ा. सोमवार को दिनभर मंदिर परिसरों में पूजा पाठ करते रहे. लोगों की मानें तो ऐसा उत्साह किसी पर्व त्योहार में भी नहीं देखा गया. लोग एक साथ दशहरा, दीपावली और रामनवमी मनाये. शहर के थाना रोड, महादेवा रोड, रजिस्ट्री कचहरी रोड, अस्पताल रोड सहित अन्य मुहल्ले भगवा हो उठा. जगमग धरती पर प्रकाश, स्नेहिल-दीपों से फैला रहा, कोने-कोने में दीप सजे थे, आज अंधकार हुआ बौना है. धूम मची दीपोत्सव की और उजियारे का राज है. विद्या, बुद्धि, समृद्धि, चाहता सभ्य समाज है.

शाम में लाखों दीये एक साथ जल उठे

रामलला के आगमन की खुशियां ऐसी कि न कोई बंधन, न बंदिशें, कहीं झिलमिल सितारें, तो कहीं जमकर आतिशबाजी हुई. प्रभू श्रीराम के आगमन को लेकर लाखों दीये एक साथ जल उठे. दीयों की रोशनी न केवल हमारे हृदय को रोशन कर रही थी, बल्कि इसका प्रकाश अयोध्या को भी रोशन कर गया. इस अविस्मरणीय नजारे को कभी भूला नहीं जा सकता. दीपोत्सव जहां जीवन में आलोक का विस्तार करता है वहीं घोर अंधकार का पलायन होता है.

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पूरे सनातन धर्मालंबियों के लिए यह खुशी का दिन रहा

यह आत्म साक्षरता का दिवस है. यह हमें जीवन की कई सीख भी दे जाता है. तिल-तिलकर जलने के बावजूद दीया प्रकाश दे जाता है. पांच सौ सालों की घोर तपस्या व त्याग भाव के कारण प्रभू श्रीराम आज घर को लौटे हैं. पूरे सनातन धर्मालंबियों के लिए यह खुशी का दिन रहा. शाम होते ही लोगों का घर दीयों की रोशनी से जगमगा हो उठा. किसी ने इसे छोटी दीपावली बताया तो किसी ने श्रीराम के स्वागत का दिन. इस कार्य में महिलाओं की भी बड़ी भूमिका दिखी.

लोगों ने खूब किया सड़कों पर आतिशबाजी

श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दीपावली मनायी गयी. संध्या होते ही लोगों ने अपने घरों को दीपों से जगमग कर दिया. वहीं छोटे-बड़े बच्चे सड़कों पर उतर गये और जमकर आतिशबाजी किया. आतिशबाजी ऐसी रही कि लोगों ने दीपावली को पुनः याद कर लिया. लोगों ने कहा कि आज हमारे रामलला का दिन है. इसी की खुशी में हम लोगों ने दीप जलाया और आतिशबाजी किया. वही कई स्थान पर मिठाइयां भी बांटी गयी.

92 स्थानों पर हुआ महाभंडारा और प्रसाद वितरण का आयोजन

झोंपड़ी के भाग्य जाग जायेंगे, श्रीराम आयेंगे जैसे भक्ति गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय रहा. रामलला की प्राणप्रतिष्ठा को लेकर शहर में श्री राम जन्मोत्सव सेवा समिति और विभिन्न अखड़ा समितियों सहित कुल 92 स्थानों पर महा भंडारा और प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया. शहर के विभिन्न चौक चौराहों और मुहल्ले में भंडारे का आयोजन किया गया था.

गरीबों के बीच मिष्ठान और कंबल वितरित

श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा पर कलवार सेवा समिति द्वारा अध्यक्ष रोशन कुमार की अध्यक्षता में कंबल व मिष्ठान का वितरण किया गया. संतोषी माता मंदिर के समीप सैकड़ों गरीबों के बीच लड्डू और कंबल का वितरण किया गया है.

हनुमान मंदिर में सुंदर कांड का हुआ पाठ

शहर के शुक्ला टोली स्थित हनुमान मंदिर में सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ी रही. सुबह में सुंदरकांड का पाठ किया गया और सेवा दल द्वारा लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया.

लाइव देखने के लिए जगह जगह लगाया गया था टेलीविजन

अयोध्या में हो रहे श्री रामलाल की प्राण प्रतिष्ठान को लेकर लोगों की नजरे टेलीविजन पर अड़ी रही. शहर के विभिन्न चौक चौराहा सहित मंदिरों में लोग टेलीविजन पर लाइव देखते रहे, जहां श्री राम के पूजन आरती सहित अन्य दृश्य को लोग देखें.

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