रामनवमी पर पटना के महावीर मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, रात दो बजे खुले पट, ड्रोन से होगी फूल की बारिश

Ramnavmi 2023: बिहार में रामनवमी की धूम देखने को मिल रही है. शहर के सभी मंदिर में सुबह से भगवान की पूजा के लिए भक्तों की भीड़ जमा हो रही है. बताया जा रहा है कि पटना के महावीर मंदिर में रात दो बजे से भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2023 7:26 AM
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Ramnavmi 2023: बिहार में रामनवमी की धूम देखने को मिल रही है. शहर के सभी मंदिर में सुबह से भगवान की पूजा के लिए भक्तों की भीड़ जमा हो रही है. बताया जा रहा है कि पटना के महावीर मंदिर में रात दो बजे से भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. बताया जा रहा है कि आज यहां कम से कम तीन लाख लोग श्रीराम और भगवान राम के दर्शन के लिए आने की संभावना है. भक्तों की भीड़ को देखते हुए हनुमान मंदिर की तरफ से विशेष इंतजाम किया गया है. भक्तों के लिए महावीर मंदिर से लेकर वीर कुंवर सिंह पार्क तक बांस बल्ले से बैरिकेडिंग की गई है. इसके साथ ही, मंदिर के कलश पर ड्रोन से पुष्प की वर्षा की जाने वाली है.

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अयोध्या से आए 12 पुजारी कराएंगे पूजा

मंदिर प्रबंधन की तरफ से बताया गया है कि इस वर्ष मंदिर में पूजा विशेष होने वाली है. भगवान के दर्शन भक्तों को जल्द से जल्द हो इसके लिए अयोध्या से 12 पूजारियों को बुलाया गया है. अपनी गाड़ी से भगवान के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के लिए पार्किंग की व्यवस्था वीर कुंवर सिंह पार्क के पास किया गया है. मंदिर में प्रबंधन के लिए 100 सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं. जबकि, पुलिस और प्रशासन की टीम मंदिर की सुरक्षा में तैनात किया गया है.

दोपहर 12 बजे से शुरू होगा राम जन्मउत्सव

भगवान राम का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था. द्रिक पंचांग के अनुसार लगभग 2 घंटे और 24 मिनट तक चलने वाला मध्याह्न रामनवमी पूजा अनुष्ठान करने का सबसे शुभ समय है. सिमरा नारायणपुर स्थित बगलामुखी मंदिर के महंत पं. गिरिधर गोपाल चौबे कहते हैं कि रामनवमी पर रामायण और रामरक्षा स्त्रोत का पाठ पढ़ना चाहिए. इस दिन व्रत और पूजा करने का बहुत ज्यादा फलदायी माना गया है.

ऐसे करें पूजा-पाठ

इस दिन जो व्यक्ति विधि-विधान से भगवान राम की पूजा, जप और व्रत करता है, उसे जीवन से जुड़े सभी सुख प्राप्त होते हैं. इस दिन सुबह उठकर स्नान के बाद पीले रंग का व्रस्त्र धारण करें. चौकी के ऊपर लाल रंग का स्वच्छ कपड़ा बिछाएं. चौकी पर राम दरबार या राम की प्रतिमा स्थापित करें. गंगाजल छिड़कें, तिलक करें और चावलों से अष्टदल बनाएं. अष्टदल के ऊपर तांबे का कलश रख कर उस पर चौमुखी दीपक जलाएं. धूप दिखाएं और पुष्प अर्पित करें, भगवान राम की पूजा में कमल का फूल और तुलसी का प्रयोग अवश्य करें. अब वहीं आसन पर बैठ कर विष्णु सहस्त्रनाम या राम स्त्रोत का पाठ करें. पाठ पूर्ण होने पर खीर, फल और मिष्ठान आदि का भोग लगाएं. शाम के समय दीपक जलाएं और राम कथा सुनें.

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