Loading election data...

Bihar News: सासाराम में किशोरी से दुष्कर्म व हत्या के मामले में अभियुक्त को फांसी की सजा

अदालत ने किशोरी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या से जुड़े 14 साल पुराने मामले में गुरुवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए दोषी पाए गए एकमात्र अभियुक्त बक्सर के धनसोई गांव के शाहिद को फांसी की सजा सुनायी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 11, 2023 11:17 PM
an image

सासाराम: जिला व्यवहार न्यायालय स्थित एडीजे प्रथम मनोज कुमार की अदालत ने किशोरी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या से जुड़े 14 साल पुराने मामले में गुरुवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए दोषी पाए गए एकमात्र अभियुक्त बक्सर के धनसोई गांव के शाहिद को फांसी की सजा सुनायी. मालूम हो कि करगहर थाना कांड संख्या 88/2009 का ट्रायल सत्र वाद संख्या 146/2010 में एडीजे प्रथम के न्यायालय में चल रहे मुकदमे के संबंध में अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अपर लोक अभियोजक विद्यासागर राय ने बताया कि करगहर थाना क्षेत्र के सेमरी गांव में 16 जून 2009 की दोपहर 2:00 बजे घटना घटी थी.

घर में जबरन घुसकर दिया था घटना को अंजाम 

उस समय आरोपी बक्सर जिला के धनसोई गांव निवासी शाहिद जिले के दिनारा गांव के महबूब मार्केट में किराना का दुकान चलाता था. वह करगहर थाना क्षेत्र के सेमरी गांव में अपनी बहन के घर अक्सर आता जाता रहता था. इसी क्रम में 16 जून 2009 को वह सेमरी गांव में आया था. इसी दौरान उसकी नजर पड़ोस से अपने घर में गोबर पाथ कर आयी किशोरी पर पड़ी थी, जिसके बाद अभियुक्त ने किशोरी को घर में अकेले पाकर दिन दहाड़े दोपहर 2:00 बजे घर में जबरन घुस कर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. घटना का खुलासा होने के भय से अभियुक्त शाहिद ने किशोरी की गला दबाकर हत्या कर दी थी.

Also Read: मुजफ्फरपुर: स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी से परेशान बिजली उपभोक्ता, शिकायत के लिए यहां करें कॉल
11 गवाहों की गवाही हुई थी दर्ज

इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल 11 गवाहों की गवाही दर्ज हुई थी, जिसके बाद अदालत ने अभियुक्त को इस जघन्य हत्याकांड में दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनायी है. अदालत ने फांसी की सजा के साथ उसके उपर 76000 रुपये का बतौर दंड जुर्माना भी लगाया है. अभियुक्त को भारतीय दंड विधान की धारा 448 में एक साल कैद व एक हजार रुपया जुर्माना, धारा 376 में 25 हजार रुपये जुर्माना समेत आजीवन कारावास तथा धारा 302 में 50 हजार रुपये जुर्माना के साथ फांसी की सजा सुनायी है.

Exit mobile version