पटना में राशन कार्ड से जुड़े 8.39 लाख लोग मुफ्त अनाज से हो सकते हैं वंचित, नहीं किया ये काम तो रद्द होगा कार्ड

पटना में राशन कार्ड से जुड़े 8.39 लाख लोगों को जन वितरण प्रणाली की दुकानों से मिलने वाले मुफ़्त अनाज पर ग्रहण लग सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इनके राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं है. 31 अगस्त तक राशन कार्ड को आधार से लिंक करने की डेट है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 14, 2023 3:01 AM
an image

पटना जिले में राशन कार्ड में नाम दर्ज 8.39 लाख लोगों का आधार से लिंक नहीं है. 31 अगस्त तक आधार से लिंक नहीं कराने वाले लोगों का राशन कार्ड से नाम हट जायेगा. इसके बाद उन लोगों को जन वितरण प्रणाली की दुकानों से मिलने वाला मुफ्त में अनाज नहीं मिलेगा. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जन वितरण प्रणाली की दुकानों से सभी राशनकार्ड धारियों को मुफ्त में अनाज की सुविधा मिल रही है. सूत्र ने बताया कि राशन कार्ड पर छह माह से अधिक समय से जन वितरण दुकान से अनाज नहीं लेने पर राशन कार्ड को रद्द कर दिया जायेगा.

पटना सदर में सबसे अधिक 2.45 लाख लोग आधार से लिंक नहीं

पटना जिले में राशन कार्ड में नाम दर्ज 8.39 लाख लोगों का आधार से लिंक नहीं है. इसमें सबसे अधिक राशनकार्ड धारियों की संख्या पटना सदर अनुमंडल में 2.45 लाख है. पटना अनुभाजन क्षेत्र में 1.66 लाख व फुलवारी व संपतचक प्रखंड मिला कर 24 हजार 450 है. दानापुर अनुमंडल में 2.11 लाख, बाढ़ अनुमंडल में 1.27 लाख, मसौढ़ी अनुमंडल में 1.16 लाख पालीगंज अनुमंडल में 90 हजार 554 व पटना सिटी अनुमंडल में 48 हजार 773 लोगों का आधार से लिंक नहीं है. आधार से लिंक कराने के लिए लोग अपने डीलर के माध्यम से करा सकते हैं. वसुधा केंद्र पर भी राशन कार्ड का नंबर दर्ज कराते हुए लोगों को अपने आधार से लिंक करा सकते हैं.

छह माह तक अनाज नहीं लेने पर कार्ड रद्द

वन नेशन वन कार्ड के तहत पूरे देश में कहीं भी जन वितरण दुकान से अनाज लेने का प्रावधान है. छह माह तक लगातार जन वितरण दुकान से अनाज नहीं लेने पर राशन कार्ड रद्द हो जायेगा.

Also Read: बिहार के स्कूलों में छात्रों के बैठने की जगह नहीं, स्कूलों में लगेंगे टेंट, दरी बिछाकर होगी पढ़ाई

एफसीआइ ने गेहूं की कीमत बढ़ने से रोकने के लिए 2.52 लाख टन खुले बाजार में बेचा

इधर, भारतीय खाद्य निगम ने सूबे में गेंहू की कीमत बढ़ने से रोकने के लिए मार्च के बाद खुले बाजार में 2.52 लाख टन गेहूं की बिक्री की. इससे बाजार में गेंहू की कीमत में कमी आयी. निगम ने पात्र व्यापारी को 100 टन गेहूं तक की खरीदारी करने की अनुमति दी है. आठ जून से 12 जुलाई तक तीन टेंडर में 25,500 टन गेहूं की बिक्री की गयी.

4.60 लाख टन खाद्यान्न जनवितरण प्रणाली की दुकानों से दिया जा रहा मुफ़्त

सूबे में 1.69 करोड़ राशन कार्ड धारकों को प्रतिमाह लगभग 4.60 लाख टन खाद्यान्न जनवितरण प्रणाली की दुकानों से नि:शुल्क दिया जा रहा है. वर्ष 2022-23 में लगभग 5.37 लाख टन खाद्यान्न अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत बिहार के लाभार्थियों को उपलब्ध कराया गया. भारतीय खाद्य निगम के बिहार क्षेत्र महाप्रबंधक संजीव कुमार भदाणी ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. मौके पर उप महाप्रबंधक कुलविंदर सिंह, उप प्रमहाप्रबंधक विधि आनंद कुमार व उप महाप्रबंधक सामान्य सत्यनारायण उपस्थित थे.

एफसीआइ द्वारा बेचे जा रहे गेहूं का रेट

महाप्रबंधक संजीव कुमार भदाणी ने कहा कि एफसीआइ द्वारा खुले बाजार में गेहूं एफएक्यू 2150 रुपये व यूआरएस 2125 रुपये प्रति क्विंटल व चावल एफआरके 3173 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा जा रहा है. इसे पात्र व्यापारी 100 टन तक बिहार के चिह्नित गोदामों से प्राप्त कर सकते हैं.

कोविड में 25.2 लाख टन गेंहू मिला

महाप्रबंधक ने कहा कि कोविड काल अप्रैल, 2020 से दिसंबर, 2022 के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम ने 25.2 लाख टन गेहूं लोगों को उपलब्ध कराया. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में जनवितरण दुकानदारों को आवंटित अनाज में गड़बड़ी का पता किया जायेगा.

बिहार में तीन माह का बफर स्टॉक

महाप्रबंधक ने कहा कि महामारी के समय बिहार के 8.71 करोड़ लोगों को भारतीय खाद्य निगम से 57.5 लाख टन चावल व बिहार सरकार द्वारा 26 लाख टन सीएमआर चावल उपलब्ध कराया है. वर्तमान में भी बिहार क्षेत्र में लगभग तीन माह का बफर स्टॉक बना हुआ है. केंद्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम, बिहार क्षेत्र का लगभग आठ लाख टन व बिहार राज्य का 4.82 लाख टन सीएमआर खाद्यान्न पर्याप्त है.

Exit mobile version