रक्सौल. बिहार में एक और एयरपोर्ट चालू हो सकता है. दरभंगा के बाद उत्तर बिहार में दूसरा एयरपोर्ट के खुलने के आसार बढ़ गये हैं. चंपारण और सारण इलाके के लोगों के लिए रक्सौल एयरपोर्ट विकास की एक नयी गाथा लिखेगी. अंतरराष्ट्रीय महत्व के इस हवाई अड्डे को लेकर शुरू करने की मांग काफी वर्षों से की जा रही है. इसको लेकर जिला प्रशासन से नागरिक विमानन मंत्रालय तक से गुहार की जा चुकी है. उसी आलोक में सरकार ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की थी. जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने सरकार को इस संदर्भ में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
माना जा रहा है कि जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद इस एयरपोर्ट को प्राथमिकता के आधार पर सरकार शीघ्र ही शुरू कर सकती है. पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी ने जिला राजस्व शाखा, मोतिहारी के माध्यम से निदेशक संचालक, सिविल विमानन निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, पटना हवाईअड्डा को पत्र लिखा गया है. पत्र में बताया गया है कि रक्सौल प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के मौजा में पांच जमाबंदी संख्या है। जिसमें कुल रकबा 152.775 एकड़ भूमि पूर्व से ही अर्जित की गयी है. हवाई अड्डा की जमाबंदी भारतीय विमान पत्तनन प्राधिकार के नाम से संधारित है. एयरपोर्ट की इस भूमि की पैमाइश अंचल अमीन से करायी गयी है.
डीएम ने अपनी रिपोर्ट में वर्तमान में एयरपोर्ट की भूमि की स्थिति की जानकारी भी दी गयी है. बताया गया है कि एयरपोर्ट की भूमि की चारदीवारी है. जिसके अंदर पूर्व में एयरपोर्ट भवन है. रनवे छोटे विमान उतरने लायक है. वैसे भवन जर्जर हैं, जिसमें एसएसबी पनटोका का दफ्तर है. इसके अलावा दस भवन हैं, जो जर्जर हैं. हवाई अड्डा रक्सौल संबंधी प्राप्त प्रतिवेदन एवं हवाई अड्डा के लिए अर्जित भूमि की पैमाइश, नक्शा की प्रति इस पत्र के साथ भेजते हुए अनुरोध किया गया है कि रक्सौल हवाई अड्डा के निर्माण एवं संचालन हेतु आवश्यक अग्रेत्तर कार्रवाई करने की कृपा की जाये.
बता दें कि सामरिक दृष्टि से रक्सौल शहर और प्रस्तावित एयरपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है. इसे अंतररष्ट्रीय हवाई अड्डा के रूप में विकसित किया जा सकता है. इसके लिए आसपास से भूमि अधिग्रहण भी किया जा सकता है. ऐसे में बिहार को पटना, गया और दरभंगा के बाद हवाई अड्डा के लिए रक्सौल तीसरा माना जायेगा. वहीं बिहार के पूर्णिया और भागलपुर में भी एयरपोर्ट का कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है. वहां भी कवायद जारी है.