पटना. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि लोक ऋण के इस वर्ष की पहली किस्त चुकाने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल को आरबीआई ने सिंकिंग फंड की ब्याज राशि 1,942.90 करोड़ में से एक हजार करोड़ की अनुमति दे दी है. अगर आरबीई भुगतान की अनुमति नहीं देती तो सरकार को अपने राज्यकोष से यह राशि देनी पड़ती, जिसे अब सरकार आने वाले दिनों में इतनी राशि अन्य विकास कार्यों पर खर्च कर सकेगी.
सुशील मोदी ने कहा कि 2009 में सिंकिंग फंड के गठन के बाद राज्य सरकार पहली बार इसकी ब्याज राशि का उपयोग लोक ऋण की किस्त चुकाने के लिए कर रही है. विभिन्न किस्तों में इस साल ऋण के तौर पर कुल 7,035 करोड़ चुकता करना है. राज्य के सिंकिंग फंड में 7,683.02 करोड़ जमा है, जिसमें मूलधन 5740.12 करोड़ व उसकी ब्याज राशि 1,942.90 करोड़ है. जानकारी के अनुसार इस साल की कुल ऋण राशि 7,035 करोड़ को सरकार ने सिंकिंग फंड की जमा राशि से भुगतान करने का निर्णय लिया है.
अभी तत्काल पहली किस्त के तौर पर आरबीआई ने करीब एक हजार करोड़ की अनुमति दी है. पिछले वर्ष की आर्थिक सुस्ती व 24 मार्च से जारी लॉकडाउन के दौर में नगण्य राजस्व संग्रह के कारण राज्य सरकार को यह कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ा है. सिंकिंग फंड में प्रतिवर्ष लोकऋण व अन्य बकाया दायित्व के 0.5 प्रतिशत की राशि निवेश किया जाता है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 2009 में सिंकिंग फंड के गठन के बाद राज्य सरकार पहली बार इसकी ब्याज राशि का उपयोग किया जाएगा. सरकार को इस साल विभिन्न किस्तों में ऋण के तौर पर कुल 7,035 करोड़ चुकता करना है. जबकि राज्य के सिंकिंग फंड में 7,683.02 करोड़ जमा है, जिसमें मूलधन 5740.12 करोड़ व उसकी ब्याज राशि उन्होंने बताया कि इस साल की कुल ऋण राशि 7,035 करोड़ को सरकार ने सिंकिंग फंड की जमा राशि से भुगतान करने का निर्णय लिया है. अभी तत्काल पहली किस्त के तौर पर आरबीआई ने करीब एक हजार करोड़ की अनुमति दी है.