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बिहार में अब अंचल कार्यालय में रखे जायेंगे जमीन के वास्तविक दस्तावेज, राजस्व विभाग के खाली पदों पर होगी नियुक्ति

मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद को कम करना ही हमलोगों का उद्देश्य है. इसलिए ऐसा उपाय किया जाये कि कोई जमीन के स्वामित्व में गड़बड़ी नहीं कर सके.

पटना . मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में जमीन संबंधित आपसी विवाद का निबटारा प्राथमिकता के आधार पर करने की जरूरत है. इसके लिए सीएम ने सभी अधिकारियों को खासतौर से निर्देश दिया.

कहा कि महीने में एक बार डीएम-एसपी, 15 दिनों में एक बार एसडीओ व एसडीपीओ और सप्ताह के एक दिन सीओ और थानाध्यक्ष निश्चित रूप से बैठक करें. जो भी गड़बड़ी करे, उस पर कार्रवाई की जाये. मुख्यमंत्री मंगलवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक कर रहे थे.

एक अणे मार्ग स्थित संकल्प सभाकक्ष में आयोजित इस विभागीय समीक्षा में सीएम ने कहा कि जमीन के वास्तविक कागजात अंचल कार्यालय में ही रखे जाएं. उनकी स्कैनिंग भी करायी जाये, ताकि रिकॉर्ड्स पूरी तरह से सुरक्षित रह सके. सीओ को विभागीय कार्य में ही ज्यादा उपयोग किया जाये.

उन्हें आपदा के कुछ कार्यों को छोड़कर अन्य कार्यों में नहीं लगाएं. उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून के अंतर्गत जमीन से संबंधित पेंडिंग पड़े कार्यों का तेजी से निबटारा करें.

बेनामी जमीन की भी पहचान करें. जो चोरी- छिपे कॉमर्शियल कार्य कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन पर कॉमर्शियल टैक्स भी लगाएं. राजस्व विभाग से जुड़े सभी कर्मचारियों की बेहतर मॉनीटरिंग हो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग में जरूरत के अनुसार पदों पर भर्ती की जाये, ताकि काम की गुणवत्ता और गति प्रभावित नहीं हो. गंगा के किनारों के जिलों की जो जमीन है, रिकॉर्ड के अनुसार जिस जिले के अंतर्गत आती है. उन जिलों में जल्द हस्तांतरित की जाये.

जमीन विवाद के निबटारे को डीएम से थानेदार तक करें बैठक : सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद को कम करना ही हमलोगों का उद्देश्य है. इसलिए ऐसा उपाय किया जाये कि कोई जमीन के स्वामित्व में गड़बड़ी नहीं कर सके. कुछ लोग जमीन की धांधली में ही जुड़े रहते हैं. समाज में शांति रहने से ही विकास का वास्तविक लाभ लोगों को मिल पायेगा.

भूमि संबंधित समस्याओं के समाधान से समाज में काफी शांति स्थापित होगी.उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में शुरू किये गये ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के दौरान ज्यादातर समस्याएं जमीन से जुड़ी हुई ही पायी गयी.

सभी चीजों का आंकलन एवं अध्ययन करने के बाद नया कानून बनाया गया. 60% से ज्यादा क्राइम भूमि विवाद के कारण होते हैं. राज्य में विकास के कई कार्य किये गये हैं. इससे जमीन की कीमत भी बढ़ी है.

विभागीय अपर मुख्य सचिव ने दी कार्यों की विस्तृत जानकारी

समीक्षा के दौरान विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने प्रेजेंटेशन दिया. इसमें पिछली बैठक के आदेश और उनके अनुपालन की जानकारी दी. उन्होंने लैंड रिकॉर्ड, लैंड सर्वे एवं सेटेलमेंट, लैंड कंसोलिडेशन एवं लैंड एक्यूजिशन के संबंध में किये जा रहे कार्यों की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी.

ऑनलाइन म्यूटेशन, स्पेशल सर्वे, अभियान बसेरा, ऑपरेशन भूमि दखल देहानी की अपडेट स्थिति की जानकारी दी. इस क्रम में ऑनलाइन म्युटेशन, ऑनलाइन भू-लगान, ऑनलाइन जमाबंदी, ऑनलाइन एलपीसी, परिमार्जन, ऑनलाइन रेवेन्यु मैप्स के संबंध में भी जानकारी दी गयी. उन्होंने विभाग के स्तर से किये जा रहे कार्यों को बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के लिए उठाये जा रहे कदमों के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी.

इस समीक्षा बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, राजस्व पर्षद के अध्यक्ष त्रिपुरारि शरण, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्टॉफ सर्विस कमिशन के अध्यक्ष रवींद्र कुमार, सीएम के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सचिव अनुपम कुमार, गोपाल सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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