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बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए REC देगी 4522 करोड़ रुपए का कर्ज, NABARD ने किया था इन्कार

बिहार के सभी बिजली उपभोक्ताओं के परिसर में प्रीपेड मीटर लगाने को लेकर बिजली कंपनियों ने राज्य सरकार की गारंटी पर अब तक ब्याज सहित 9917.43 करोड़ रुपये का ऋण लिया है.

बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना के क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार की एजेंसी रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरइसी) बिहार सरकार की बिजली आपूर्ति कंपनियों को 4522.24 करोड़ रुपये का ऋण देगी. यह राशि स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर स्वीकृत कुल योजना राशि 15074.12 करोड़ का 30 फीसदी है. बिजली कंपनियों को यह राशि राज्य सरकार की गारंटी पर मिलेगी. इसको लेकर ऊर्जा विभाग ने मंजूरी प्रदान कर दी है.

तकनीकी कारणों का हवाला देकर नाबार्ड ने ऋण देने से किया इन्कार

दरअसल, पहले ऋण की यह राशि नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) द्वारा रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर असिस्टेंस टू द स्टेटस (रियास) के तहत संचित निधि से दी जानी थी, लेकिन नाबार्ड ने सूचित किया कि इस योजना के तहत सिर्फ राज्य सरकार को ही ऋण उपलब्ध कराया जाता है. नाबार्ड को इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट असिस्टेंस (निडा) के तहत भी ऋण स्वीकृत करने का प्रावधान है, लेकिन डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों की वित्तीय स्थिति के कारण इस योजना के अंतर्गत भी ऋण की स्वीकृति नहीं दी जा सकी. अंतत: योजना को लेकर आरइसी से ऋण प्राप्त करने की स्वीकृति प्रदान की गयी.

अब तक ब्याज सहित 9917.43 करोड़ रुपये का मिला ऋण

सूबे के सभी बिजली उपभोक्ताओं के परिसर में प्रीपेड मीटर लगाने को लेकर बिजली कंपनियों ने राज्य सरकार की गारंटी पर अब तक ब्याज सहित 9917.43 करोड़ रुपये का ऋण लिया है. इसमें 3504.95 करोड़ रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लि., 2009.52 करोड़ रुपये पावर फिनांस कॉरपोरेशन और 4402.96 करोड़ रुपये का ऋण पीएनबी एवं अन्य कंसोर्टियम बैंक से कार्यशील पूंजी के रूप में मिली है.

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