पटना. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में फार्मेसी शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में शीघ्र मान्यता बहाल करने के लिए नयी कमेटियां गठित की है. विभाग ने दो फार्मेसी कालेजों की आवंटित सीटों में वृद्धि करने और एक नये फार्मेसी कालेज की स्थापना को लेकर अलग-अलग जांच समितियां गठित की है.
यह समिति जांच करेगी कि संबंधित संस्थानों में फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया के मानकों के अनुरूप आधारभूत संरचना, शिक्षक, लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, लैब आदि की उपलब्धता क्या है. जांच करने के बाद समिति अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. इसके बाद ही नये फार्मेसी कालेज के गठन के साथ ही दो अन्य कालेज में सीट बढ़ाने पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग ने सीवान के डिवाइन कालेज आफ फार्मेसी ने बी फार्मा की 100 सीटों पर पाठ्यक्रम संचालन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने का आवेदन किया है.
आवेदन के आलोक में संस्थान में सुविधाओं और आधारभूत संरचना की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डा. अशोक कुमार की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर दी है. समिति में एसकेएमसीएच में पदस्थापित फार्माकोलाजी विभाग के सह प्राध्यापक डा. दिनेश शाह और डीएम सीवान द्वारा नामित प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है.
इसके अलावा राजवंशी रामशीष कालेज आफ फार्मेसी हाजीपुर को बी फार्मा में नामांकन के लिए सीटों की संख्या 60 से बढ़ाकर 100 करने के लिए अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा. नागेश्वर प्रसाद की अध्यक्षता में एक दूसरी समिति गठित की गयी है.
तीसरी समिति की अध्यक्षता स्वास्थ्य सेवाओं के अपर निदेशक डा. परमेश्वर प्रसाद को सौंपी गयी है. यह समिति आरा में संचालित सिद्धनाथ मीरा कालेज आफ हायर एजूकेशन में बी फार्मा पाठय क्रम की 60 सीटों को बढ़ाकर 100 सीटें करने के संबंध में संस्थान के आधारभूत संरचना की जांच करेगी. तीनों समितियां 15 दिनों में संस्थान की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौपेंगी इसके बाद इन्हें अनापत्ति निर्गत करने के संबंध में फैसला लिया जायेगा.