कोसी व गंडक से रिकार्ड डिस्चार्ज के बावजूद इस साल नहीं टूटे कोई तटबंध, जानें मंत्री संजय झा ने किसे दी बधाई
इस साल अगस्त महीने में कोसी नदी में जलस्राव का पिछले 33 वर्षों का रिकॉर्ड टूटने के बाद भी हम उत्तर बिहार को बाढ़ की तबाही से बचाने में सफल रहे. इसका हमें संतोष है. इसके लिए विभाग के बाढ़ प्रक्षेत्र के सभी अधिकारी और अभियंता बधाई के पात्र हैं.
पटना. सूचना एवं जनसंपर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने शुक्रवार को कहा है कि वर्ष 2017 से 2022 तक बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों पर 8561.62 करोड़ रुपये जल संसाधन विभाग द्वारा खर्च किये गये हैं. इसके अलावा बाढ़ से जनसंपदा को होने वाले नुकसान की भरपाई, राहत और पुनर्वास के लिए संबंधित विभागों द्वारा बहुत राशि खर्च की जाती है. बाढ़ का स्थाई समाधान होने पर राज्य सरकार द्वारा इस राशि का उपयोग अन्य विकास योजनाओं के लिए किया जा सकता था.
नेपाल में हाईडैम का निर्माण जरूरी
मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि उत्तर बिहार में बाढ़ के स्थाई समाधान के लिए नेपाल में हाईडैम का निर्माण जरूरी है. इसका डीपीआर बनाने के लिए वर्ष 2004 में ही भारत और नेपाल की संयुक्त समिति बनी थी, लेकिन पिछले 19 वर्षों में डीपीआर नहीं बन पाई है. यह एक अंतरराष्ट्रीय मामला है, जिसे भारत और नेपाल सरकार के सहयोग से ही आगे बढ़ाया जा सकता है. बिहार सरकार इस दिशा में सार्थक प्रगति के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
हाई अलर्ट का निकला बेहतर परिणाम
मौसम विभाग ने पूरे देश से साउथ-वेस्ट मॉनसून समाप्त होने की घोषणा कर दी है. जल संसाधन विभाग द्वारा मॉनसून सीजन में 24 घंटे हाइ अलर्ट का बेहतर परिणाम सामने आया है. इस साल अगस्त महीने में कोसी नदी में जलस्राव का पिछले 33 वर्षों का रिकॉर्ड टूटने के बाद भी हम उत्तर बिहार को बाढ़ की तबाही से बचाने में सफल रहे. इसका हमें संतोष है. इसके लिए विभाग के बाढ़ प्रक्षेत्र के सभी अधिकारी और अभियंता बधाई के पात्र हैं. दरअसल इस वर्ष 14 अगस्त की सुबह कोसी बराज से रिकार्ड चार लाख 62 हजार 345 क्यूसेक और गंडक बराज से भी तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा जलस्राव हुआ. इसके बावजूद कहीं कोई तटबंध नहीं टूटा, न ही कोई तबाही हुई.
कुशेश्वरस्थान के इलाके को हुआ फायदा
मंत्री संजय झा ने कहा कि दरभंगा जिले में कुशेश्वर स्थान और आसपास का बड़ा इलाका हर साल करीब छह महीने बाढ़ के पानी में डूबा रहता था. वहां फुहिया के पास तीन नदियां कोसी, कमला बलान और करेह आपस में मिलती थीं. जल संसाधन विभाग ने वहां तटबंध और एंटी फ्लड स्लूई के निर्माण सहित कई योजनाओं को पूरा कराया है. इससे कुशेश्वर स्थान के जिस इलाके में दो साल पहले बाढ़ का निरीक्षण करने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मोटर बोट से लेकर गया था, वहां इस साल धान की खेती हुई है.